India Thrashed Pakistan At UN: भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को लताड़ा है। ‘शांति के लिए नेतृत्व’ पर खुली बहस में भारत ने जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के दावों को खारिज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश परवथनेनी ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश “भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं, थे और हमेशा रहेंगे।”
ऐसा है पाकिस्तान का लोकतंत्र
हरीश परवथनेनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के लोकतंत्र और राजनीतिक स्थिति का भी जिक्र किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल भेजने, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने और अपने रक्षा बलों के प्रमुख आसिम मुनीर को लाइफटाइम इम्युनिटी देने के लिए 27वें संशोधन के माध्यम से संवैधानिक तख्तापलट की बात भी कही।
आतंकवाद का पूरी ताकत से जवाब देगा भारत
संयुक्त राष्ट्र में परवथनेनी ने तंज कसते हुए कहा, “पाकिस्तान के पास अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का एक अनोखा तरीका है। एक प्रधानमंत्री को जेल भेजकर, सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाकर और अपनी सशस्त्र सेनाओं को 27वें संशोधन के माध्यम से संवैधानिक तख्तापलट करने और अपने रक्षा बलों के प्रमुख को लाइफटाइम इम्युनिटी देने की अनुमति देकर।” उन्होंने कहा, “मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि भारत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का पूरी ताकत से मुकाबला करेगा।”
पाकिस्तान ने भारत पर थोपे युद्ध
बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि की ओर से दिए गए बयान का जिक्र करते हुए, परवथनेनी ने कहा कि इस्लामाबाद पर भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने का जुनून चढ़ा है। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताते हुए कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को क्यों खत्म किया है। परवथनेनी ने कहा, “भारत ने 65 साल पहले सिंधु जल संधि सद्भावना, अच्छे इरादे और दोस्ती की भावना से की थी। इन साढ़े छह दशकों में, पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन किया है।”
पहलगाम आतंकी हमले का हुआ जिक्र
परवथनेनी ने कहा कि पिछले चार दशकों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमलों में हजारों भारतीयों की जान गई है, उन्होंने इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए सबसे हालिया हमले का जिक्र किया, जिसमें एक विदेशी नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे। भारत ने आखिरकार कहा कि संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान, जो आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, सीमा पार और आतंकवाद के अन्य सभी रूपों के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता।
झूठ बोला पाकिस्तान
भारत की ओर से यह तीखी प्रतिक्रिया तब आई जब पाकिस्तान के प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने सिंधु जल संधि के निलंबन की आलोचना करते हुए जम्मू और कश्मीर में अनसुलझे विवाद के दावों को दोहराया। अहमद ने जम्मू और कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा, “पाकिस्तान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता चाहता है, लेकिन शांति एकतरफा कोशिश से नहीं मिल सकती।”