
व्हाइट हाउस में हुई हाई-लेवल मीटिंग
वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का रास्ता तलाशना है। ज़ेलेंस्की के साथ यूरोप के कई बड़े नेता भी मौजूद रहे, ताकि दुनिया के सामने एकजुटता दिखाई जा सके।
शांति की उम्मीद जताई – डोनाल्ड ट्रंप
बैठक के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा –
👉 “हमें उम्मीद है कि आज शांति का रास्ता निकलेगा। अगर सबकुछ सही रहा तो त्रिपक्षीय बैठक भी होगी।”
उन्होंने साफ किया कि इस वार्ता से स्थायी सीजफायर और दीर्घकालिक शांति स्थापित होगी। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधे बातचीत करेंगे।

पुतिन से बातचीत को तैयार – ज़ेलेंस्की
ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के साथ बैठक में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा –
👉 “मैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत के लिए तैयार हूं।”
साथ ही उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन में चुनाव करवाने को भी तैयार हैं, लेकिन यह तभी संभव होगा जब देश में सुरक्षा और स्थिर माहौल हो।
“दो साल की नहीं, दीर्घकालिक शांति” – ट्रंप
ट्रंप ने बैठक में कहा –
👉 “हम अस्थायी नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाली शांति चाहते हैं। यह सिर्फ दो साल की बात नहीं होगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि समाधान स्थायी और कारगर हो।”
“युद्ध खत्म होने वाला है” – ट्रंप का बड़ा बयान
ट्रंप ने स्पष्ट कहा –
👉 “रूस-यूक्रेन का युद्ध खत्म होने वाला है। कब होगा यह नहीं कह सकता, लेकिन यह ज़रूर होगा। ज़ेलेंस्की और पुतिन दोनों युद्ध खत्म करना चाहते हैं। दुनिया अब इस युद्ध से थक चुकी है और हम इसे खत्म कराएँगे।”
ट्रंप ने दावा किया कि उनके नेतृत्व में पहले भी 6 युद्ध खत्म किए गए और इस संघर्ष को भी समाप्त किया जाएगा।
यूरोप के बड़े नेता भी पहुंचे व्हाइट हाउस
इस बैठक में कई यूरोपीय नेता भी शामिल हुए –
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों
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जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़
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इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मलोनी
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फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर स्टब
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नाटो महासचिव मार्क रूट
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यूरोपीय कमीशन की प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन
वैश्विक राजनीति के लिए अहम मोड़
इस बैठक को दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध के संभावित समाधान के रूप में देख रही है। अगर वार्ता सफल होती है, तो यह यूरोप ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
