भिलाई- कार्यपालक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग, भिलाई नगर पालिक निगम और पुलिस बल की संयुक्त कार्यवाही 125 से अधिक लोगों के बल ने की सशक्त कार्यवाही संयंत्र के प्रवर्तन विभाग की टीम के साथ गाली-गलौच और धमकी देने वाले को किया नेस्तनाबूत संपदा न्यायलय से पारित डिक्री आदेश क्रमांक -79/2022 के अनुपालन में भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि में अवैध निर्माण को आज सशक्त कार्यवाही कर ध्वस्त कर दिया हैं।

इस्पात नगरी में रोड़ नंबर-02, बोरिया गेट के निकट करीब बीस हजार स्क्वायर फीट भूमि पर कई छोटे-बड़े अवैध स्ट्रक्चर तथा सड़क निर्माण कर अवैध बिजली और अवैध नल कनेक्शन लेकर संयंत्र की भूमि पर कब्जा कर रखा था। कार्यपालक मजिस्ट्रेट गुरुदत्त पंचभाई के मार्गदर्शन में पुलिस लाइन दुर्ग के जवान, भिलाई नगर पालिक निगम के कर्मी तथा अधिकारी और नेवई थाना पुलिस बल की उपस्थिति में जेसीबी की मदद से सभी अवैध निर्माण हटाया गया तथा बेदखली की कार्यवाही की गई।

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त कब्जेधारी ने 05 फरवरी को संयंत्र के अधिकारियों और कर्मियों के साथ इसी जगह को लेकर गाली गलोच की थी और संयंत्र के अधिकारियों और कार्मिकों को धमकी भी दी थी। आज की गई कार्यवाही में उसी जगह को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया गया। उपरोक्त अवैध कब्जेधारी के विरुद्ध संयंत्र ने 05 फरवरी को भट्टी थाने में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई थी।

कब्जेधारियों द्वारा वहां पक्का सड़क निर्माण कर लिया गया था, साथ ही 50 से अधिक ठेलों को रखा जाता था। साथ ही तीन छोटे शेड तथा ढाबा स्टाइल में शेड का भी निर्माण किया गया था। इस जगह पर निरंतर असमाजिक तत्वों का जमावाड़ा लगा रहता था। उक्त बी एस पी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने की कार्यवाही भूमि अनुभाग के सर्वेक्षक द्वारा चिन्हांकन के पश्चात किया गया।

इस कार्यवाही को अंजाम देकर संयंत्र प्रबंधन ने कड़े अनुशासन और इरादें को प्रदर्शित किया है। उपरोक्त कार्यवाही में प्रवर्तन विभाग, नगर सेवाएं के अधिकारियों, कर्मचारियों, निजी सुरक्षा गार्ड, महिला गार्ड सहित, पीएचडी विभाग के अधिकारी कर्मचारी, दुर्ग पुलिस लाइन के जवान, भट्टी थाने के टी आई विपिन रंगारी तथा जवान, भिलाई नगर पालिक निगम भिलाई के अनिल मेश्राम, रोहित यादव, राम साय पारकर, मोहन यादव, अनिल देशमुख, राजेंद्र कुमार, कन्हैया यादव, मंगल प्रसाद जांगड़े, मुरली कुमार , मान सिंह, लीज सेक्शन, भूमि विभाग, पीएचडी, पीएचई, राजस्व विभाग, इलेक्ट्रिकल विभाग, सिविल विभाग आदि सहित लगभग 125 लोग टीम में सम्मिलित थे ।

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