रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा-IAS अधिकारी समीर विश्नोई को निलंबित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय-EDने विश्नोई के यहां छापा मारकर 47 लाख रुपए कैश और दो करोड़ रुपए कीमत के गहने बरामद किए थे। उसके बाद विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया गया था। न्यायालय ने 27 अक्टूबर को ही उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा है।
2016 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई को ED ने 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। न्यायालय में उन्हें पहले आठ दिन और बाद में 6 दिन के लिए ED को रिमांड पर दिया था। यह रिमांड 27 अक्टूबर को पूरी हो रही थी। तब तक सरकार ने विश्नोई को कोई एक्शन नहीं लिया। इस बीच 19 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स में रितेश अग्रवाल को अस्थायी तौर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया।
वैसे ही मार्कफेड में मनोज कुमार सोनी को प्रबंध संचालक बना दिया गया। इन दोनों पदों से विश्नोई को हटाने का कोई आदेश नहीं जारी हुआ। 27 अक्टूबर को ED की विशेष अदालत ने समीर विश्नोई को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। उसी दिन सरकार ने विश्नोई को निलंबित कर दिया। अब जाकर उसकी जानकारी सामने आई है।
कोयला परिवहन में अवैध वसूली में भूमिका –
ED ने अदालत को जो बताया है उसके मुताबिक 15 जुलाई 2020 को खनिज साधन विभाग के तत्कालीन संचालक समीर विश्नोई ने एक अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना ने किसी भी तरह के खनिज के परिवहन की अनुमति के लिए चल रही ऑनलाइन व्यवस्था को खत्म कर दिया।
10 अगस्त 2020 को जारी एक और अधिसूचना से खनिज परिवहन अनुमति के लिए केवल मैन्युअल पद्धति को अनिवार्य कर दिया गया। ED का कहना है, इस अधिसूचना के जरिये राज्य में पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया को खत्म कर दिया। उसके बाद खनिज शाखा से परमिट लेना अनिवार्य हो गया। इस व्यवस्था ने भ्रष्टाचार बढ़ाया। इसकी वजह से अवैध वसूली का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा हो गया।
हमें अफसरों ने धमकाकर साइन करवाए’ –
IAS समीर विश्नोई की पत्नी ने ED की कार्रवाई को गलत बताकर CM बघेल से शिकायत में कहा था- ED दफ्तर में उनसे जबरन प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेता और कारोबारियों,अधिकारियों का नाम लेने को कहा गया। मेरे पति और मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद ईडी के अधिकारी ऋषि वर्मा ने मुझसे और मेरे पति से कहा कि यदि हमारे अनुसार बताएं बयान नहीं दोगे तो तुम लोग और तुम्हारे परिवार वालों को जिंदगी भर जेल में सड़ा देंगे इससे मैं और मेरे पति डर गए और साइन किए।
विश्नोई को चिप्स से हटाया गया था –
11 अक्टूबर को हुई कार्रवाई के बाद एक दिन पहले ही सरकार ने विश्नोई को को छत्तीसगढ़ इफोटेक प्रमोशन सोसाइटी(चिप्स) से हटा दिया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 2012 बैच के IAS अधिकारी रितेश कुमार अग्रवाल को चिप्स का मुख्य कार्यपालन अधिकारी-CEO नियुक्त कर दिया था। रितेश छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक हैं। मार्कफेड में भी विश्नोई की जगह नई व्यवस्था की जा रही है।
2009 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई इस साल जनवरी में चिप्स के CEO बनाए गए थे। सितंबर में उन्हें मार्कफेड के प्रबंध संचालक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दे दी गई। केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ED ने 11 अक्टूबर की सुबह प्रदेश भर में छापा डाला था। यह कार्रवाई समीर विश्नोई के घर और दफ्तर पर भी हुई। ईडी ने समीर को कोयला कारोबारियों से मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में गिरफ्तार किया है।
‘भ्रष्टाचार का पेंडोरा बॉक्स’ –
समीर विश्नोई को प्रवर्तन निदेशालय-ED ने कोयला कारोबारियों से मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी की भूमिका 2020 में खुद विश्नोई के हस्ताक्षर से जारी एक अधिसूचना से रखी गई। ED ने अदालत में पेश अपने दस्तावेजों में उस अधिसूचना को ‘भ्रष्टाचार का पेंडोरा बॉक्स’ बताया। कहा गया है, इस अधिसूचना ने ही खनिज परिवहन में अवैध वसूली का रास्ता खोला।
अदालत में ED की कहानी भी 15 जुलाई 2020 को जारी एक अधिसूचना से शुरू होती है। इसे खनिज संसाधन विभाग के तत्कालीन संचालक समीर विश्नोई ने जारी किया था। इस अधिसूचना ने किसी भी तरह के खनिज के परिवहन की अनुमति के लिए चल रही ऑनलाइन व्यवस्था को खत्म कर दिया।
लग्जरी लाइफ स्टाइल के शौकीन समीर विश्नोई की तस्वीरों के जरिए जानिए उनके बारे में। AS समीर विश्नोई कानपुर के रहने वाले हैं। वहीं इनकी स्कूली पढ़ाई हुई। पढ़ाई में ब्रिलियंट रहे हैं। जेईई क्लियर किया और इन्हें IIT कानपुर में दाखिला मिला।IT से इंजीनियरिंग के बाद विश्नोई को कई बड़ी कंपनियों में नौकरी का ऑफर था मगर ये सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए और IAS बने। समीर विश्नोई की पत्नी का नाम प्रीति विश्नोई है। परिवार के साथ इस वक्त विश्नोई रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में रह रहे थे।