
मस्तमौला जिंदगी के पीछे छिपा था अकेलापन, अब खुद कर रहे हैं मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का प्रचार
लंदन, यूके — जो जिंदगी कभी बेनी जेम्स को “मज़ेदार” लगती थी, वही अब उनके लिए “सज़ा” बन गई है। 31 वर्षीय बेनी, जिन्होंने अब तक 1000 से अधिक महिलाओं से संबंध बनाए हैं, अब इस रंगीन जीवनशैली के पीछे छिपे खतरों और मानसिक टूटन को लेकर युवाओं को आगाह कर रहे हैं।
जवानी में ‘बिंदास’ लाइफ, हर हफ्ते नई महिला
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सोशल मीडिया (ट्विटर, इंस्टाग्राम) और क्लबों के जरिए हर हफ्ते नई महिला से संबंध।
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बेनी को लगता था कि वे बस “जिंदगी का मजा” ले रहे हैं।
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लेकिन अब मानते हैं कि वह सब अकेलेपन और आत्म-सम्मान की कमी से उपजा था।
अंदर ही अंदर घुट रहे थे बेनी
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बाहर से ‘प्लेबॉय’, लेकिन अंदर से डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार।
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नशे, शराब, जुए और दिखावे में उलझे रहे।
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कोविड लॉकडाउन में उन्हें आत्मचिंतन का मौका मिला और उन्होंने जीवन बदलने का निर्णय लिया।
“मज़ा” धीरे-धीरे बन गया “सज़ा”
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बेनी कहते हैं:
“जब सब कुछ खत्म होने लगे, तब पता चलता है कि आपने क्या खोया है।” -
सामाजिक संबंध और स्थायी जीवनशैली अपनाना हुआ मुश्किल।
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परिवार और दोस्त उन्हें “फन लविंग” समझते थे, लेकिन वास्तविकता बिलकुल उलटी थी।
अब कर रहे हैं “मेंटल हेल्थ अवेयरनेस”
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“No More Waiting” नामक कैंपेन की शुरुआत।
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सरकार से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश की मांग।
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बेनी कहते हैं, “पुरुषों के इमोशनल संघर्ष को समाज नजरअंदाज कर देता है।”
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वयस्क इंडस्ट्री या ओपन लाइफस्टाइल अपनाने वाले लोगों को अक्सर अकेलापन और आत्मविनाश घेर लेता है।
