उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शादी के बाद पति ने पत्नी को पढ़ा-लिखकर लेखपाल बनाया तो लेखपाल बनते ही पत्नी ने किसान पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोर्ट में तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया है और अब पति दर-दर न्याय की गुहार लगा रहा है. पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन बताते हुए मामला खारिज कर दिया है. फिलहाल ये मामला सोशल मीडिया से लेकर हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में पति अमरीश कुमार ने मीडिया को बताया कि उसकी पत्नि दीपिका पढ़ने में रुचि रखती थी. ये देखकर उसने पत्नी को पढ़ाया-लिखाया और उसकी पढ़ाई पूरी कराने के लिए जमीन भी उसने बेच दी. उसने बताया कि पढ़-लिखकर उसकी पत्नी लेखपाल बन गई. कुछ दिनों बाद ही पत्नी ने उस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है.
2009 में हुई थी शादी
पूरा मामला बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर मजरे गाल्हामऊ गांव से सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, यहां रहने वाले अमरीश कुमार का विवाह 20 फरवरी 2009 को हुआ था. जैदपुर थाना क्षेत्र के याकूतगंज गांव के रहने वाले रामचरन की बेटी दीपिका के साथ उन्होंने सात फेरे लिए थे. पति अमरीश के मुताबिक, शादी के बाद ससुराल में ही दीपिका ने ग्रेजुएशन पूरा किया. अमरीश ने कहा कि पढ़ने में पत्नी की रुचि को देखते हुए उसे एमए और बीएड कराया और इसके बाद उसने जब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की इच्छा जाहिर की तो उसका दाखिला कोचिंग में करा दिया.
पति अमरीश ने बताया कि वह दीपिका को कोचिंग लाने और ले जाने के साथ ही अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियां भी सम्भालता रहा, ताकि उसकी पत्नी को किसी तरह की पारिवारिक जिम्मेदारी की समस्या का सामना न करना पड़े. अमरीश ने बताया कि उनकी मां का निधन 2011 में ही हो गया था. इसलिए परिवार की सारी जिम्मेदारियां उसी पर थी.