Indian Banking Sector 2021-22: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन इन मामलों में शामिल राशि एक साल पहले की तुलना में आधी से भी कम रह गई. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ‘भारत में बैंकों का रुझान एवं प्रगति’ शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में 60,389 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े 9,102 मामले सामने आए. वित्त वर्ष 2020-21 में ऐसे मामलों की संख्या 7,358 थी और इनमें 1.37 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी.
हालांकि उधारी गतिविधियों में धोखाधड़ी के मामलों में गिरावट का रुख देखा गया. पिछले वित्त वर्ष में ऐसे मामले घटकर 1,112 रह गए जिनमें 6,042 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी. वित्त वर्ष 2020-21 में धोखाधड़ी के 1,477 मामलों में 14,973 करोड़ रुपये संलिप्त थे.
आरबीआई ने इस रिपोर्ट में कहा, ‘बैंक धोखाधड़ी की संख्या के संदर्भ में अब कार्ड या इंटरनेट से होने वाले लेनदेन पर ज्यादा जोर है. इसके अलावा नकदी में होने वाली धोखाधड़ी भी बढ़ रही है.’ इनमें एक लाख रुपये या अधिक राशि वाले धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं.
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि जमा बीमा एवं क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) ने पिछले वित्त वर्ष में 8,516.6 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया. इसमें एक बड़ा हिस्सा अब बंद हो चुके पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों का था.