न्यायालय में गवाह को धमकी देने वाला हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, कुल 6 आरोपी सलाखों के पीछे

रायपुर। जिले के तिल्दा नेवरा थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महत्वपूर्ण आपराधिक केस में गवाही देने वाले गवाह को जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हिस्ट्रीशीटर समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

मामला कैसे शुरू हुआ?

गवाह प्रमोद वर्मा, निवासी तिल्दा नेवरा ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि वह अपराध क्रमांक 109/2021 (धारा 376, 120बी, 450, 506, 307 भादवि) के केस में गवाह हैं। यह केस आरोपी बालकृष्ण जांगड़े से जुड़ा है, जिसने एक महिला के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की कोशिश की थी।
प्रमोद को 7 अगस्त 2025 को रायपुर न्यायालय में गवाही देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन गवाही से ठीक पहले उन्हें लगातार धमकियां मिलने लगीं।

आरोपी कौन हैं और कैसे दबाव बनाया?

रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों जयमोहन उर्फ लक्की शर्मा (हिस्ट्रीशीटर), सूरज वर्मा, रवि उर्फ गप्पू वर्मा, रजत वर्मा, अजय राहूजा और दीपक उर्फ बबलू वर्मा ने मोबाइल पर कॉल कर गवाह को गवाही न देने की धमकी दी।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गवाह ने समझौता नहीं किया तो उसे और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा। आरोपियों ने उसके घर पहुंचकर परिजनों को भी धमकाया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए अपराध क्रमांक 358/25 धारा 232(1), 190 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कीर्तन राठौर, नगर पुलिस अधीक्षक विधानसभा वीरेन्द्र चतुर्वेदी और थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी की टीम ने त्वरित जांच कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपी

  • जयमोहन उर्फ लक्की शर्मा (33 वर्ष) – हिस्ट्रीशीटर

  • सूरज वर्मा (26 वर्ष)

  • रवि उर्फ गप्पू वर्मा (31 वर्ष)

  • रजत वर्मा (24 वर्ष)

  • अजय राहूजा (23 वर्ष)

  • दीपक उर्फ बबलू वर्मा (41 वर्ष)

सभी को न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

गवाह की सुरक्षा को लेकर पुलिस सख्त

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि गवाहों को धमकाना न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने की गंभीर कोशिश है और ऐसे मामलों में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने साफ किया कि गवाहों को सुरक्षा देना और उन्हें निष्पक्ष गवाही का मौका देना उसकी पहली जिम्मेदारी है।

क्यों अहम है यह मामला?

यह प्रकरण केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह न्यायिक प्रक्रिया और गवाहों की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने साफ संदेश दिया है कि न्यायालय के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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