बिलासपुर। हाईकोर्ट ने स्थानांतरित व्याख्याता के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। सरगुजा के शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल उदयपुर में पदस्थ कैलाश सिंह पैकरा का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ शासन के आदेश दिनांक 30 सितंबर 2022 को शासकीय बालक हाई सेकेंडरी स्कूल उदयपुर से शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल महादेवडांड ब्लॉक बगीचा जिला जशपुर किए जाने के विरुद्घ कैलाश सिंह पैकरा द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई दिनांक 9 नवंबर 2022 को हाईकोर्ट की एकल पीठ में हुई।
कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने वरिष्ठ सचिवों की समिति को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर विचार करते हुए 3 सप्ताह के अंदर निर्णय लिया जाए। याचिकाकर्ता द्वारा न्यायालय के आदेश के तहत वरिष्ठ सचिवों के समक्ष अभ्यावेदन 18 नवंबर 2022 को प्रस्तुत किया जिस पर समिति ने 11 जनवरी 2023 को आवेदक के अभ्यावेदन को निराकृत करते हुए अमान्य कर दिया गया। इससे क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता ने एक अन्य याचिका न्यायालय में लगाया।
जिस पर न्यायालय के एकल पीठ के द्वारा 2 फरवरी 2023 को निरस्त कर दिया गया, जिससे परिवेदत होकर याचिकाकर्ता कैलाश सिंह पैकरा द्वारा हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और दीक्षा गौराहा के माध्यम से रिट अपील उच्च न्यायालय जस्टिस गौतम बहादुरी और जस्टिस एन. के. चंद्रवंशी के डिविजन बेंच में प्रस्तुत किया गया। रिट अपील में अपीलार्थी के अधिवक्ता द्वारा यह आधार लिया। गया कि अपीलार्थी की प्रारंभिक नियुक्ति वर्ष 1992 बलरामपुर रामानुजगंज अनुसूचित क्षेत्र में हुई है। तब से लेकर आज तक अपीलार्थी द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में सेवा देते आ रहा है।
किंतु वर्तमान स्थानांतरण आदेश से फिर से अनुसूचित क्षेत्र जशपुर में स्थानांतरण करना छत्तीसगढ़ शासन के स्थानांतरण नीति वर्ष 2015 की कंडिका 13 और 2.1 का उल्लंघन है। स्पष्ट किया गया है कि प्रथम नियुक्ति के समय अधिकारियों को दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में कम से कम 2 वर्ष तथा सामान्य अनुसूचित क्षेत्र में 3 वर्ष के लिए पदस्थ किया जाएगा लेकिन यहां पर अपीलार्थी की सेवाएं अनुसूचित क्षेत्र में 30 वर्षों से दे रहे हैं जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय के डिविजन बेंच द्वारा अपीलाथी को निर्देशित किया कि 2 सप्ताह के भीतर वरिष्ठ सचिवों सचिवों के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे और समिति द्वारा सप्ताह के भीतर प्रकरण का निराकरण करेंगे तब तक अपीलार्थी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।