रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर में घुटनों के चमत्कारी इलाज का दावा करने वाले एक फिजियोथेरपेपिस्ट की प्रैक्टिस बंद कराई है। खुद काे डॉक्टर बताने वाले इस व्यक्ति ने अखबारों में विज्ञापन दिया था। इसमें दावा किया गया था कि उसकी विशेष तकनीक से घुटनों के दर्द का इलाज बिना ऑपरेशन किया जाता है। इसकी ओपीडी में जेल रोड स्थित एक होटल में लगी थी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखबार में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर CMHO डॉ. मिथिलेश चौधरी से इसकी शिकायत की। शिकायत के आधार पर CMHO ने एनएचए डॉ. अविनाश चतुर्वेदी के नेतृत्व में एक टीम संबंधित होटल पहुंची। वहां तरुण बराक नाम के कथित डॉक्टर से पूछताछ की। वहां से उन्हें फिजियोथेरेपी की डिग्री मिली। उसकी प्रैक्टिश के लिए पंजीयन भी हरियाणा का था।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऐसी प्रैक्टिस बंद करने को कहा तो कथित डॉक्टर ने हंगामा कर दिया। बाद में गंज थाने से पुलिस को बुलाना पड़ा। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने फिजियोथेरेपिस्ट से शपथपत्र लेने के बाद यह ओपीडी बंद करा दी। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है, ओपीडी के संचालन के लिए नर्सिंग होम्स एक्ट के तहत पंजीयन और छत्तीसगढ़ में वैध पंजीयन होना जरूरी है। इसके बिना इस तरह की प्रैक्टिस नहीं की जा सकती है। ऐसे में यह ओपीडी बंद कराई गई है।
ऐसे डॉक्टरों पर नजर रखेगा IMA
इस मामले की शिकायत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा, उनका संगठन रायपुर के होटलों-लॉज और धर्मशालाओं में नीम हकीम व बिना वैध रजिस्ट्रेशन के इस प्रकार की प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए सजग रहेगा।
चार-पांच दिनों के लिए आता रहा है यह डॉक्टर
बताया जा रहा है, तरुण बराक नाम का यह कथित डॉक्टर हरियाणा में फिजियोथेरेपिस्ट के तौर पर पंजीकृत है। उसका दावा है कि घुटनों का दर्द मेडिकल नहीं बल्कि मेकेनिकल समस्या है। उसके पास मौजूद नी ऑफ लोडर ब्रेस नाम का उपकरण पहनने से शरीर का दबाव घुटनों पर नहीं पड़ता। ऐसे में घुटनों में दर्द खत्म हो जाता है। यह फिजियोथेरेपिस्ट हर बार चार-पांच दिनों के लिए रायपुर के किसी होटल में रुकता है। अखबारों में विज्ञापन देकर मरीज देखता है। इस बार उसने 12 से 16 जनवरी तक ओपीडी संचालन की बात कही थी।