भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के रेपो दरों में इजाफा करने के बाद कई बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हुए कर्ज महंगा कर दिया. अब इस सूची में एक बड़े बैंकों का नाम जुड़ गया है. दरअसल, प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है.

बैंक ने अलग-अलग अवधि के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 20 बेसिस प्वाइंट यानी 0.20 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 7 जुलाई, 2022 से लागू हो गई हैं.एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के मुताबिक,

एक रात वाले एमसीएलआर की दर को 20 बेस‍िस प्‍वाइंट बढ़ाकर 7.70 फीसदी कर द‍िया गया है. इसी तरह एक महीने की अवधि वाले एमसीएलआर की दर 7.75 फीसदी, 3 महीने की अवध‍ि वाले एमसीएलआर की दर 7.80 फीसदी और 6 महीने की अवध‍ि वाले एमसीएलआर की दर 7.90 फीसदी कर दी गई है. वहीं, एक साल वाले एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर द‍िया गया है.

प‍िछले महीने MCLR में किया था 35 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा

गौरतलब है कि एचडीएफसी बैंक की तरफ से प‍िछले महीने ही एमसीएलआर दरों में 35 बेस‍िस प्‍वाइंट का इजाफा क‍िया था. इन दरों को 7 जून से लागू किया गया था.

बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई

एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.

क्या होता है MCLR?

गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. आरबीआई ने 1 अप्रैल 2016 से देश में एमसीएलआर की शुरुआत की थी. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.

आधार दर की जगह पर अप्रैल 2016 से बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब बैंकों द्वारा एमसीएलआर में किसी भी बढ़ोतरी या कटौती का असर नए और मौजूदा लेनदारों पर भी पड़ता है.

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