GST Collection in October: ग्रास गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) का कलेक्शन साल दर साल के आधार पर 13.4 परसेंट बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद यह दूसरा सबसे हाई लेवल है. वित्त मंत्रालय की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई. पिछले साल अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1.52 लाख करोड़ रुपये रहा था. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अक्टूबर, 2023 जीएसटी कलेक्शन अप्रैल, 2023 के बाद दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है. अप्रैल, 2023 में कलेक्शन 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा था. सितंबर में यह आंकड़ा 1.63 लाख करोड़ रुपये था.
10 महीने के हाई लेवल पर पहुंचा
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में एवरेज मंथली जीएसटी कलेक्शन 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह पिछले साल के मुकाबले 11 परसेंट ज्यादा है. इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि पिछले महीने के लेनदेन से जुड़ी तिमाही अंत के एडजस्टमेंट और इकोनॉमी की रफ्तार से जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है. नायर ने कहा, ‘अक्टूबर 2023 में साल-दर-साल बढ़ोतरी की रफ्तार 10 महीने के हाई लेवल पर पहुंच गई, जो काफी खुश करने वाला है. मौजूदा समय में अनुमान जताया जा रहा है कि सीजीएसटी कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान से थोड़ा ज्यादा होगा.
कुल जीएसटी रेवेन्यू 1,72,003 करोड़ रुपये
अक्टूबर, 2023 में कुल जीएसटी रेवेन्यू 1,72,003 करोड़ रुपये रहा है. इसमें 30,062 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 38,171 करोड़ रुपये एसजीएसटी है. इसके अलावा 91,315 करोड़ रुपये (माल आयात पर 42,127 करोड़ रुपये सहित) इंटीग्रेटेड जीएसटी है. 12,456 करोड़ रुपये सेस है. सरकार ने आईजीएसटी में सीजीएसटी के 42,873 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के 36,614 करोड़ रुपये का निपटान किया है. नियमित निपटान के बाद अक्टूबर में केंद्र व राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 72,934 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 74,785 करोड़ रुपये है.
क्यों बढ़ रहा जीएसटी कलेक्शन?
जीएसटी अधिकारियों की तरफ से जारी नोटिस के बाद कारोबारियों की तरफ से विवादों के निपटारे के साथ आर्थिक गतिविधियों में तेजी से जीएसटी कलेक्शन में इजाफा हुआ है. जानकारों का कहना है ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से टैक्स कलेक्शन बढ़ रहा है. इनमें सबसे अहम यह है कि टैक्स का भुगतान नहीं करने या कम टैक्स देने या गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने से जीएसटी अधिकारियों ने कारोबारियों को नोटिस भेजे हैं. कुछ कारोबारी इन विवादों को निपटाने के लिए भुगतान कर रहे हैं.
केपीएमजी में इनडायरेक्ट टैक्स हेड और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी में आ रही इस तेजी को फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के विवादों के निपटारे से जोड़कर देख सकते हैं. दरअसल, इन विवादों को निपटाने की लिमिट 30 सितंबर को पूरी हो रही थी. ऐसे में साल के बीच में कलेक्शन में इजाफा देखा जा रहा है. फेस्टिव सीजन में चल रही खरीदारी भी जीएसटी के आंकड़े को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है.