दुर्ग / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज डाॅ भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती के अवसर पर सम्राट अशोक बुद्ध विहार भिलाई 3, सेंटर बैंक के समीप स्थल पर पहुंचे थे। जहां सर्वप्रथम उन्होंने सन् 1990 में समाज द्वारा स्थापित अष्टधातु से निर्मित बुद्ध प्रतिमा में अपना नमन अर्पित कर मंच की ओर प्रस्थान किया। मंच में मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रारंभिक शिक्षा से लेकर जीवन पर्यंत संघर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को जीवन पर्यंत समाज के आखिरी पायदान पर संघर्षरत व्यक्ति के लिए लड़ने वाला महामानव बताया।

उन्होंने युवाओं को डॉक्टर अंबेडकर के शिक्षा, एकता व संघर्ष के मूल मंत्र को अपनाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा डॉक्टर अंबेडकर की जयंती पूरे विश्व में मनाई जाती है, उनके त्याग से सभी परिचित हैं। अंतिम समय में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और प्रज्ञा, करुणा व मैत्री का प्रचार प्रसार किया। उन्होंने जो जो कार्य किए सब मील का पत्थर साबित हुए। उन्होंने कहा आकृति एटा के उन्मूलन के लिए आवश्यक की संपूर्ण मानव जाति समानता के अधिकार का सम्मान करें।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर को बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताया और संविधान निर्माण के पश्चात डॉक्टर अंबेडकर द्वारा बोले गए कथन को उपस्थित लोगों के बीच रखा जिसमें डॉक्टर अंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा हो लेकिन परिणाम इसे लागू करने वालले व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है। इसलिए मुख्यमंत्री ने अपने अंतिम वक्तव्य में उपस्थित सभी जनों से अपील की कि संविधान की रक्षा के लिए सब एक साथ आगे हैं और इसे बेहतर व सशक्त बनाए।

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