नई दिल्ली। भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। विश्व शतरंज चैंपियनशिप के अंतिम दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। लिरेन को हराने के साथ ही वह सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने इतिहास रच दिया।
बता दें गुरुवार को चैंपियनशिप के 14वं अंतिम दौर के खेल की शुरुआत 6.5 अंको के साथ हुई थी। अंतिम मैच भी ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी लिरेन की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई। भारतीय युवा स्टार ने लिरेन को 7.5-6-5 से हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया। 12 साल के बाद किसी भारतीय ने इस खिताब पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की है।
लिरेन को हराने के बाद गुकेश बाहर निकले और पिता से मिले। इस दौरान वह भावुक हो गए। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और जीत का जश्न मनाया। गुकेश इस ऐतिहासिक जीत के बाद भावुक हो गए।
उन्होंने कहा- यह मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन पल है। मैं पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मेरा यह सपना पूरा हुआ। मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला।
विश्वनाथन आनंद के बाद भारत के दूसरे विश्व चैंपियन
गुकेश ने 18 साल आठ महीने 14 दिन की उम्र में यह खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 22 वर्ष छह महीने 27 दिन की उम्र में खिताब जीता था।
गुकेश से पहले भारत के विश्वनाथन आनंद (2000-2002 और 2007-2013) विश्व शतरंज चैंपियन रहे। गुकेश के लिए साल का अंत शानदार रहा है। इस साल वे कई और खिताब जीते, जिनमें कैंडिडेट्स 2024 टूर्नामेंट और शतरंज ओलंपियाड शामिल है, जिसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।