GDP Growth Report : केंद्र सरकार आज वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या आर्थिक विकास दर के आंकड़े जारी करेगी. आज 28 फरवरी को वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए जीडीपी आंकड़े सामने आ जाएंगे, जिससे यह पता लग जाएगा कि देश के आर्थिक स्थिति ठीक है या नही्ं. केंद्र सरकार के आगे के फोकस के बारे में पता चलेगा कि सरकार किस तरह की योजना पर काम करने के बारे में सोच रही है. जिससे जीडीपी ग्रोथ अच्छी बनी रहे.

बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दो अंकों के विस्तार के बाद पिछली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर घटकर 6.3 प्रतिशत रह गई. तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े मंगलवार को बाजार की धारणा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे. पिछले वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 13.5 फीसदी रही थी. FY23 के लिए, विशेषज्ञ विकास की गति में सुधार की बात कर रहे हैं. क्योंकि तिमाही में आर्थिक गतिविधि स्पष्ट रूप से असमान रही, हालांकि प्रमुख क्षेत्रों में, कृषि में उचित सुधार देखने की संभावना है.

सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि पिछले तीन महीनों में 6.3% से घटकर 4.7% हो गई. डीबीएस बैंक की एक अर्थशास्त्री का कहना है कि 28 फरवरी, 2023 को जारी होने वाला विकास डेटा, “विकास की गति में और मजबूती” की ओर इशारा कर सकता है. हाई आवृत्ति डेटा का हमारा मिश्रण तिमाही में क्रमिक सुधार की ओर इशारा करता है, यहां तक कि वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि आधार प्रभावों पर मध्यम होने के लिए निर्धारित है.

ICRA ने लगाया ये अनुमान

ICRA ने वित्तीय वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वर्ष-दर-वर्ष (YoY) वृद्धि का अनुमान 5.1% लगाया है, जो वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में दर्ज 6.3% से आधार प्रभाव-आधारित मॉडरेशन है. हालांकि, पूर्व-कोविद स्तरों पर सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, पिछली तिमाही में देखी गई 7.6% की तुलना में Q3 FY2023 में 11.6% तक और बेहतर होने की उम्मीद है, जो सेवा क्षेत्र में निरंतर सुधार से बढ़ी है.

आर्थिक गतिविधि असमान रही

आईसीआरए लिमिटेड की हेड-रिसर्च एंड आउटरीच मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर कहना है कि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में त्योहारी सीजन के दौरान संपर्क-गहन सेवाओं की मजबूत मांग और उत्साहित भावना के बीच आर्थिक गतिविधि स्पष्ट रूप से असमान रही. आधार प्रभाव के बीच भारत सरकार (जीओआई) द्वारा एक स्वस्थ राजस्व व्यय के साथ सरकारी खर्च में रुझान असमान थे. इसी तरह, जबकि सेवा क्षेत्र के निर्यात में 25% की तेज वृद्धि दर्ज की गई, उसी तिमाही में गैर-तेल माल निर्यात में 8.2% की कमी आई.

इसके साथ ही खरीफ उत्पादन के अग्रिम अनुमान भी, गन्ना, कपास, मोटे अनाज और तिलहन में साल-दर-साल वृद्धि और चावल और दालों में गिरावट के साथ, फसल उत्पादन में मिश्रित प्रवृत्ति का संकेत देते हैं. कुछ क्षेत्रों के लिए निरंतर इनपुट मूल्य दबाव के बीच हमे वित्तीय वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को 5.1% पर पहुंचने की उम्मीद है.

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