रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है। राज्य के 31 जिला वनोपज सहकारी यूनियन, 902 प्राथमिक वनोपज सहकारी सहकारी समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण और भंडारण कार्य जोरों पर है। इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खुशी जताई है और इसे तेंदूपत्ता संग्राहकों की जिंदगी में साकारात्मक परिवर्तन लाने वाला बताया है। श्री साय ने कहा कि राज्य में हरा सोना तेंदूपत्ता की खरीदी हमनें शुरू कर दी है।

जिसके संग्रहण का कार्य जून प्रथम सप्ताह तक जारी रहेगा। मोदी की गारंटी में किए गए वादे के अनुसार हमारी सरकार 5500 रूपया प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खरीद रही है। इससे राज्य के साढ़े बारह लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार, जिसमें अधिकांश आदिवासी परिवार हैं, उनकी जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

उन्होंने कहा कि 5500 रूपया प्रति मानक बोरा के साथ लाभांश राशि भी संग्राहक परिवार को देने की गारंटी हमारी सरकार ने दी है। इसके साथ ही संग्राहक परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति भी हमारी सरकार देगी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ अन्तर्गत तेंदूपत्ता का संग्रहण माह अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ किया गया है। संग्रहण हेतु 16.72 लाख मानक बोरे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

दिनांक 13 मई 2024 तक उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 7.82 लाख मानक बोरे का संग्रहण किया जा चुका है जो निर्धारित लक्ष्य का 45.19 प्रतिशत है। तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में लगे हुए 12.50 लाख संग्राहक परिवार को रू. 5500 प्रति मानक बोरा की दर से इस संग्रहण के लिए 900 करोड़ रूपये का भुगतान प्राप्त होना संभावित है।

अब तक कुल 275.77 लाख रूपये का भुगतान ऑनलाईन किया जा चुका है। ज्ञातव्य है कि भुगतान में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से साय सरकार द्वारा ऑनलाइन भुगतान हेतु एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। जिसके माध्यम से किया गया भुगतान सीधे संग्राहकों के खाते में पहुंचेगा।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *