Gold-Silver Price Today : पिछले दिनों तेजी से बढ़ रही सोने और चांदी की कीमतों में आज कमी देखने को मिली है। कल, 10 ग्राम सोने का भाव 80,000 रुपये के स्तर को पार कर गया था और चांदी की कीमतें भी 1,04,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई थीं। लेकिन आज सोने में 600 रुपये की गिरावट आई है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और जयपुर सहित उत्तर भारत के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव 79,000 रुपये के आसपास आ गया है, जबकि 22 कैरेट सोना 73,000 रुपये के नीचे कारोबार कर रहा है। वहीं, चांदी की कीमत 1,01,900 रुपये पर बनी हुई है।
प्रमुख शहरों में सोने का रेट (26 अक्टूबर)
शहर 22 कैरेट (₹/10 ग्राम) 24 कैरेट (₹/10 ग्राम)
- दिल्ली 72,990 79,610
- मुंबई 72,840 79,460
- अहमदाबाद 72,890 79,510
- चेन्नई 72,840 79,460
- कोलकाता 72,840 79,460
- गुरुग्राम 72,990 79,610
- लखनऊ 72,990 79,610
- जयपुर 72,990 79,610
- पटना 72,890 79,510
- भुवनेश्वर 72,840 79,460
- हैदराबाद 72,840 79,460
सोने और चांदी के बढ़ते दामों के पीछे के कारण
मौसमी मांग: भारत में त्योहारी और शादी का सीजन शुरू हो चुका है, इस समय लोग बड़े पैमाने पर सोने और चांदी की खरीदारी करते हैं, जिससे इनकी मांग बढ़ जाती है। बढ़ती मांग का सीधा असर कीमतों पर पड़ता है, जिससे सोने और चांदी के दाम में उछाल देखने को मिल रहा है।
- पश्चिम एशिया का संघर्ष: पश्चिम एशिया में तनावपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति के चलते अंतरराष्ट्रीय निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे समय में निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रुख करते हैं, जिससे वैश्विक और घरेलू दोनों बाजारों में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।
- अमेरिकी ब्याज दरें: अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती की आशंकाओं से भी सोने और चांदी के दामों में उछाल देखा गया है। ब्याज दरें कम होने पर निवेशक सोने में अधिक निवेश करते हैं, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
- स्थानीय बाजार की स्थिति: भारत में जुलाई में सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम की गई थी, जिससे थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन त्योहार और शादियों की मांग के चलते इनकी कीमतों में दोबारा तेजी आई है।
- अमेरिकी चुनाव की अनिश्चितता: आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की अनिश्चितता से भी निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में मजबूती आई है।
कैसे तय होती है सोने की कीमत?
भारत में सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर-रुपये का विनिमय दर, और मांग के आधार पर तय होती है। वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है। इसके अलावा, त्योहारी और शादी के सीजन में मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है।
सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं?
सोने की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार और करेंसी एक्सचेंज रेट जैसे कारक प्रभावित करते हैं। वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें बढ़ने से भारत में भी इसका सीधा असर पड़ता है। इसके अलावा, त्योहारों के मौसम में बढ़ती मांग से भी सोने की कीमतों में इजाफा होता है।
दिवाली तक सोने की कीमतों में गिरावट की उम्मीद?
त्योहारी सीजन और वैश्विक कारकों को देखते हुए सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना फिलहाल कम है। हालांकि, आगे आने वाले दिनों में अमेरिकी नीतियों और वैश्विक बाजार की स्थिति पर भी ध्यान देना जरूरी होगा। सोने की कीमतें स्थिर रहने या बढ़ने की संभावना है, खासकर दिवाली तक।
सोने की शुद्धता की पहचान
ISO (Indian Standard Organization) द्वारा सोने की शुद्धता पहचानने के लिए हॉल मार्क दिए जाते हैं। 24 कैरेट सोने के आभूषण पर 999, 23 कैरेट पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है। ज्यादातर सोना 22 कैरेट में बिकता है, और कुछ लोग 18 कैरेट का इस्तेमाल भी करते हैं। कैरेट 24 से ज्यादा नहीं होता, और जितना ज्यादा कैरेट होगा, सोना उतना ही शुद्ध कहलाता है।
22 और 24 कैरेट में अंतर
24 कैरेट गोल्ड 99.9% शुद्ध होता है और 22 कैरेट लगभग 91% शुद्ध होता है। 22 कैरेट गोल्ड में 9% अन्य धातु जैसे तांबा, चांदी, जिंक मिलाकर जेवर तैयार किया जाता है। 24 कैरेट सोना शुद्ध होता है, लेकिन उसके आभूषण नहीं बनाए जा सकते। इसलिए ज्यादातर दुकानदार 22 कैरेट में सोना बेचते हैं।
मिस्ड कॉल से ऐसे जानें गोल्ड का भाव
22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के खुदरा रेट जानने के लिए 8955664433 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं। कुछ ही देर में SMS के जरिए रेट्स मिल जाएंगे। इसके अलावा, लगातार अपडेट्स के लिए ibja.co या ibjarates.com पर देख सकते हैं।
हॉलमार्क का रखें ध्यान
सोने को खरीदते समय उसकी क्वॉलिटी का ध्यान जरूर रखें। ग्राहक हॉलमार्क का निशान देखकर ही खरीदारी करें। हॉलमार्क सोने की सरकारी गारंटी है, जिसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) द्वारा निर्धारित किया जाता है। हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत संचालन, नियम और रेग्युलेशन का काम करती है।