Gold-Silver Price Today: पिछले दिनों सोने का रेट 74000 रुपये के पार और चांदी 94000 रुपये के ऊपर पहुंचने के बाद अब इसमें गिरावट देखी जा रही है. मंगलवार के कारोबारी सत्र के दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और सर्राफा बाजार में सोने-चांदी के रेट में मिला-जुला रुख देखा गया.
दोनों ही कीमती धातुओं के रेट नीचे आने से गोल्ड खरीदने की प्लानिंग कर रहे लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि जानकारों का यह कहना है कि आने वाले समय में सोने के रेट और तेजी आने की संभावना है.
गोल्ड की कीमत में मामूली गिरावट देखी गई
सोने और चांदी की कीमत से जुड़ी जानकारी देने वाली वेबसाइट https://ibjarates.com के अनुसार मंगलवार के कारोबारी सत्र में गोल्ड की कीमत में मामूली गिरावट देखी गई.
इसके साथ 24 कैरेट गोल्ड का रेट गिरकर 71858 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. 23 कैरेट वाला गोल्ड 71570 रुपये और 22 कैरेट गोल्ड 65822 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. आज के कारोबारी सत्र में चांदी की कीमत में तेजी देखी गई और यह चढ़कर 88085 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई.
MCX पर क्या रहा रेट?
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी मंगलवार को सोने और चांदी के रेट में मिला-जुला रुख देखा जा रहा है. एमसीएक्स (MCX) पर मंगलवार को सोने के रेट में गिरावट और चांदी में तेजी देखने को मिली.
दोपहर बाद के कारोबारी सत्र सोना 54 रुपये की गिरावट के साथ 71600 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 46 रुपये चढ़कर 89796 रुपये प्रति किलो पर ट्रेंड करते देखा गया. इससे पहले सोमवार को चांदी 89750 रुपये पर बंद हुई थी.
सोने में क्यों आ रही तेजी
गोल्ड के रेट में यह तेजी दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से गोल्ड की खरीदारी बढ़ने के बाद आई है. दुनियाभर में बढ़ते तनाव और महंगाई से सोने की मांग बढ़ी है. दुनिया विकासशील देशों के केंद्रीय बैंकों की तरफ से जमकर सोने की खरीदारी की जा रही है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट से सामने आया है कि साल 2023 में ही दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 1,037 टन सोना खरीदा है. 2022 में गोल्ड खरीद का यह आंकड़ा 1,082 टन था. साल 2024 के शुरुआती तीन महीने (जनवरी से मार्च तक) में केंद्रीय बैंकों ने 290 टन सोना खरीदा है.
गोल्ड खरीद के आंकड़ों से जुड़े एनालिस्ट का कहना है कि आने वाले 12 महीने में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी रुकने वाली नहीं है. WGC के सर्वे में शामिल 70 में से 80 प्रतिशत केंद्रीय बैंकों की तरफ से यही कहा गया कि आने वाले समय में ऑफिशियल सेक्टर का गोल्ड रिजर्व बढ़ेगा.
सर्वे से यह भी साफ हुआ कि अगले पांच साल में विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़ेगी. डोमेस्टिक गोल्ड प्राइस में पिछले पांच साल में ही दोगुने का और 20 साल में 10 गुने से ज्यादा का इजाफा देखा गया.