
विदेश में बनारस जैसी गंगा आरती का नज़ारा
अबू धाबी के मशहूर BAPS हिंदू मंदिर में हर शाम गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। हाल ही में दुबई शिफ्ट हुए एक भारतीय युवक ने वहां की आरती का अनुभव लिया और इसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया। युवक ने लिखा – “I witnessed Ganga Aarti in UAE” यानी “मैंने यूएई में गंगा आरती देखी”।
प्रवासी भारतीय का भावुक अनुभव
24 साल का यह युवक तीन हफ्ते पहले ही यूएई पहुंचा था। होटल में कुछ दिन रहने के बाद जब वह अपने नए घर में शिफ्ट हुआ तो छुट्टी के दिन उसने सोचा कुछ खास किया जाए। इस दौरान वह अबू धाबी के भव्य BAPS मंदिर गया और गंगा आरती में शामिल हुआ।
आरती की दिव्यता और मंदिर परिसर का शांत वातावरण देखकर युवक भावुक हो उठा। उसके वीडियो ने हजारों प्रवासी भारतीयों को अपनापन और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव का एहसास कराया।

BAPS मंदिर – भारतीय संस्कृति का प्रतीक
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इस मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
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यह अबू धाबी का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है।
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मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर और इटालियन संगमरमर से किया गया है।
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इसकी वास्तुकला पूरी तरह हिंदू परंपरा पर आधारित है।
गंगा आरती का महत्व
BAPS मंदिर में होने वाली गंगा आरती वही अनुभव देती है जो वाराणसी या हरिद्वार जैसे पवित्र स्थलों पर देखने को मिलता है।
आरती के दौरान माहौल श्रद्धा और भक्ति से भर जाता है। यही वजह है कि यह अनुभव विदेश में भी भारतीयों को अपने देश और संस्कृति से जोड़े रखता है।
मंदिर का इतिहास और निर्माण
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मंदिर का पूरा नाम है – बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर (BAPS)।
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यह मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है, जो यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने गिफ्ट में दी थी।
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निर्माण कार्य अप्रैल 2019 से शुरू हुआ और इसे बनाने में करीब 400 मिलियन दिरहम की लागत आई।
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यह मंदिर न सिर्फ हिंदू आस्था का केंद्र है बल्कि भारत-यूएई मैत्री और सांस्कृतिक सहयोग का प्रतीक भी है।
