कोण्डागांव। नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के 3 आरोपियों को कोर्ट ने बीस-बीस वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में शासन की ओर दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की। प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि आरोपियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341,376(घ) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत आरोप है कि उसने दिनांक 12 मई 22 को रात्रि में थाना कुकड़ाझोर, जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत में नाबालिग पीडि़ता का रास्ता रोककर सामूहिक बलात्कार किया।

लोक अभियोजक दिलीप जैन ने घटना के संबंध में विस्तृत तौर पर बताया कि पीडि़ता घटना दिनांक को अपने मामा की शादी में गई हुई थी। जहां शादी पार्टी होने के बाद वह और उसकी सहेली उसकी एक अन्य सहेली को छोडक़र रात को वापस आ रहे थे। जब वे घर से कुछ दूर पर थे, तभी आरोपी सनीर उईके (18 वर्ष) और धनेश मण्डावी (18 वर्ष) पीडि़ता का रास्ता रोककर पीडि़ता को जबरदस्ती खींचते हुए खेत की तरफ ले गये, जब वह चिल्लाने की कोशिश कर रही थी, तब उसके मुंह को आरोपी धनेश के द्वारा दबाया गया तथा सनीर उईके पीडि़ता के दोनों हाथों को दबाकर पकड़ा था।

पहले आरोपी धनेश के द्वारा पीडिता का बलात्कार किया और उसके बाद आरोपी सनीर उईके के द्वारा भी पीडि़ता के साथ बलात्कार किया गया। कुछ देर बार आरोपी धनेष का तीसरा साथी रोहित उईके (18 वर्ष) भी मोटर सायकल से वहां पर आकर पीडि़ता के साथ बलात्कार किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दिये थे। रास्ते में पीडि़ता की सहेली बीच बचाव करने लगी तो पीडि़ता की सहेली को धनेश मंडावी और सनीर उईके डरा धमकाकर भगा दिये । पीडि़ता रोते हुए अपने घर आयी और घटना के बारे मेंं अपने पिता को बताई।

पीडि़ता का पिता के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने पर थाना कुकडाझोर में आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीशए एफटीएससी (पोस्को), कोण्डागंाव के न्यायाधीश कमलेश कुमार जुर्री ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपियों को धारा 341 भादवि में 01-01 माह के साधारण कारावास एवं 500-500 रू. के अर्थदंड, अर्थदंड के व्यतिक्रम पर 10-10 दिन के अतिरिक्त कारावास, धारा 376(घ) भादवि में 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रू. के अर्थदंड एवं धारा 06 लैंगिंग अपराधों का सरंक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रू. के अर्थदंड, अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने के व्यतिक्रम पर क्रमश: 01-01 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेश पारित किया गया है।

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