रायपुर के कुछ कारोबारियों को ब्लैकमेल करके उनसे रुपए ऐंठने का मामला सामने आया है। एक युवती काे पुलिस ने उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया है। ये गैंग मिलकर कारोबारियों से लाखों रुपए ले चुका है। ये गैंग लड़की के साथ लोगों का अश्लील वीडियो बनाता था और वायरल करने की धमकी देकर रुपए ले लिया करता था। गैंग में शामिल युवक खुद को मीडियाकर्मी बताकर भी पैसों के लिए दबाव बनाया करते थे।
ऐसा ही प्रयास इस गैंग ने रायपुर के टिकरापारा इलाके में रहने वाले एक कारोबारी पर किया, मगर फंस गए। कारोबारी अपना संजय नगर का मकान बेचना चाहता था। एक लड़की ग्राहक बनकर उसके पास गई। कारोबारी घर पर अकेला था, लड़की ने कहा मुझे पानी पीना है। पानी लाने कारोबारी अंदर गया इतने में लड़की ने अपने कपड़े उतार दिए और कारोबारी के साथ आपत्ति जनक हरकतें करने लगीं।
कुछ ही सेकंड में लड़की के साथ कैमरा, किसी न्यूज चैनल में इस्तेमाल होने जैसा माइक लेकर घर में घुस आए। वीडियो बनाने लगे और कारोबारी से बोले अब ये वीडियो न्यूज मीडिया में वायरल हो जाएगा हमें रुपए दो। कारोबारी ने घबराकर 1 लाख 25 हजार रुपए भी दे दिए। इसके बाद भी लड़के उसे ब्लैकमेल कर और रुपयों की मांग करते रहे। अब मामला थाने पहुंचा और पुलिस ने इस गैंग के लोगांे को पकड़ा है।
युवती का करते थे इस्तेमाल
पुलिस से टिकरापारा के कारोबारी ने शिकायत की और जिन लड़कों ने रुपए लिए उनके बारे में जानकारी दी। इसी आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ी। लोगों को झांसे में लेने गैंग के लोग लड़की का इस्तेमाल करते थे। इस केस में पुलिस ने कारोबारी की शिकायत के बाद कांड में शामिल लड़की पूजा मजूमदार, प्रमोद मजूमदार, तारक विश्वास, सुल्तान अंसारी मौलाना, आरोपी खेमचंद एवं संजय चौहान को अरेस्ट किया है। पता चला है कि इन मामलों में इनकी एक और साथी थी युवती का नाम इशरत बानों उर्फ खूशबू साहू है, जो कि फरार है।
खुद को मीडियाकर्मी बताकर देते थे धमकी
इस कांड में गिरफ्तार हुए आरोपी खुद को मीडियाकर्मी बताकर कारोबारियों को ठगा करते थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि खेमचंद कौशिक खुद को कुछ चैनलों का को-ऑर्डिनेटर बताता था, इसका साथी आरोपी संजय चौहान उर्फ सोनू चैनल में कैमरा मैन की भूमिका में था। इसी वजह से बदनामी के डर से लोग इनके झांसे में आ रहे थे।
इससे पहले 4 और लोगों को ठगा
ठग और ब्लैकमेलिंग का काम करने वाले इस गैंग ने अन्य 4 लोगों को भी ठगा है। उन लोगों से भी इसी तरह लड़की के जाल में फंसाकर, जबरन अश्लील वीडियो बनाकर रुपए लिए गए हैं। वो पीड़ित बदनामी के डर से सामने नहीं आए, मगर पुलिस उन मामलों की भी छानबीन कर रही है।
साइबर ठगी के भी लगातार बढ़ रहे मामले
डिजिटल दौर में सुविधाओं के साथ-साथ साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में पिछले साल के मुकाबले साइबर क्राइम में 100 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। साल 2022 में साइबर क्राइम के 8245 अपराध दर्ज किए गए हैं, जबकि 2021 में अपराध के 4966 केस दर्ज किए गए थे। इस दौरान 2021 में 11 करोड़ 02 लाख 25 हजार 302 रुपए ठगों के खातों में चले गए। वहीं 2022 में दो गुना से अधिक 24 करोड़ 56 लाख 98 हजार 710 रुपए गायब हुए। रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम के अधिक मामले रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, रायगढ़ में हैं।
ठगे गए ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे
साइबर ठगी के मामलों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि ठगे गए अधिकतर लोग पढ़े-लिखे होते हैं। इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, अफसर, टीचर और कई प्रोफेशनल भी शामिल हैं। ये ठगों के झांसे में आकर अपनी डिटेल शेयर करते हैं और रकम गवां बैठते हैं।
ठगी के 2295 मामले
2021 और 2022 में साइबर क्राइम में अधिकतर मामले धोखाधड़ी के हैं। इसके 2295 केस दर्ज किए गए। वहीं बाकी मामलों में यौन शोषण और जबरदस्ती वसूली वाले अपराध देखने को मिले हैं।