Padam Award 2023 Winner: पश्चिम बंगाल की 102 वर्षीय सरिंदा वादक मंगला कांति रॉय, जैविक खेती करने वाले 98 वर्षीय किसान तुला राम उप्रेती को भी पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा. पद्म पुरस्कारों के लिए घोषित नामों में महाराष्ट्र से 12, कर्नाटक और गुजरात से आठ-आठ व्यक्ति शामिल हैं.
पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है. दिलीप महालनाबिस को पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा जाएगा, जबकि रतन चंद्र कार, हीराबाई लोबी, मुनीश्वर चंदर डावर को पद्म श्री देने की घोषणा की गई है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नगा सामाजिक कार्यकर्ता रामकुइवांगबे न्यूमे, केरल के गांधीवादी वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवल, नगा संगीतकार मोआ सुबोंग भी पद्म श्री से सम्मानित होंगे.
डॉक्टर दिलीप महालनाबिस 1971 के बांग्लादेश युद्ध के शरणार्थियों के शिविरों में सेवा करने के लिए अमेरिका से लौटे और दुनिया भर में ‘ओआरएस’ घोल के उपयोग को बढ़ावा दिया जिससे पांच करोड़ से अधिक लोगों की जान बच सकी. पश्चिम बंगाल के महालनाबिस (87) को मरणोपरांत इस साल देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुना गया है.
रतन चंद्र कार को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा. अंडमान से सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टर रतन चंद्र ने उत्तरी सेंटिनल से 48 किमी दूर एक द्वीप पर रहने वाली जारवा जनजाति के साथ काम किया. उन्होंने 1999 में खसरा महामारी फैलने के दौरान जारवाओं का इलाज किया और उन्हें मौत के मुंह से वापस ले आए. जारवा जनजाति जो कि एक समय विलुप्त होने के कगार पर थी, आज उनकी जनसंख्या 76 से 270 पहुंच गई है और इसमें रतन चंद्र का बहुमूल्य योगदान रहा.
गुजरात की सामाजिक कार्यकर्ता हीराबाई लोबी (62) को भी पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. गुजरात के सिद्दी समुदाय की बेहतरी के लिए हीराबाई ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. सिद्दी आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता हीराबाई ने खुद के द्वारा स्थापित बालवाड़ी के माध्यम से सिद्दी जनजाति के बच्चों को शिक्षा प्रदान की. उन्होंने अपने फाउंडेशन महिला विकास मंडल के जरिए सिद्दी महिलाओं के बीच वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया.
मुनीश्वर चंदर डावर को पद्म श्री देने की घोषणा की गई है. जबलपुर के रहने वाले पूर्व सैनिक और पेशे से डॉक्टर 76 वर्षीय मुनीश्वर पिछले 50 साल से गरीब लोगों का इलाज करते आ रहे हैं. 20 रुपये की सस्ती कीमत पर समाज के गरीब और कमजोर वर्गों का निस्वार्थ इलाज करते हैं. इंडियन आर्मी से रिटायर डॉक्टर मुनीश्वर ने 1971 के युद्ध में जंग लड़ी थी.
केरल के गांधीवादी वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवल को पद्मश्री से नवाजा जाएगा. समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए वे पिछले 8 दशकों से काम कर रहे हैं. उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया. वे खादी के समर्थक और एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान भी हैं.
नगा सामाजिक कार्यकर्ता रामकुइवांगबे न्यूमे को पद्म श्री के लिए चुना गया है. उन्होंने जागरूकता शिविरों और कार्यक्रमों के जरिए स्वदेशी हेराका संस्कृति का संरक्षण और प्रचार किया एवं 10 प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना की और महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित किया.
पद्म श्री के लिए चुने गए लोगों में सांप पकड़ने वाले मासी सदाइयां और गोपाल, नगा संगीतकार मोआ सुबोंग के साथ ही सिक्किम के जैविक किसान तुला राम उप्रेती भी शामिल हैं.
मुलायम सिंह यादव, एस एम कृष्णा, उस्ताद जाकिर हुसैन सहित पांच लोगों को पद्म विभूषण मिलेगा.