
महासमुंद | महासमुंद ज़िले से एक बड़ा ज़मीन घोटाला सामने आया है, जिसमें करोड़ों की वेशकीमती शासकीय भूमि को कौड़ियों के भाव बेचने और खरीदने का मामला उजागर हुआ है। शिक्षकों, पटवारी और जमीन दलालों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। इस पूरे फर्जीवाड़े से प्रशासन और वन विभाग अनजान बना हुआ है या जानबूझकर आंखें मूंदे बैठा है।
फर्जीवाड़े की पूरी कहानी

जमीन का खेल: 100 रुपए में करोड़ों की संपत्ति
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बीटीआई रोड गौरवपथ, वन विद्यालय के पास स्थित खसरा नंबर 102/5
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यह भूमि “बड़े झाड़ का जंगल” श्रेणी की शासकीय वनभूमि है
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पहले इस पर उषा देवांगन नामक महिला का कब्जा था, पर कोई सरकारी कार्रवाई नहीं हुई
कौन-कौन शामिल?
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पटवारी अरविंद चंद्राकर, उसकी पत्नी भूमिका चंद्राकर
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भाभी भारती चंद्राकर (पति मोहित चंद्राकर)
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तीन शिक्षाकर्मी भी इस सौदेबाज़ी में शामिल बताए जा रहे हैं
नोटरी से जमीन खरीदी, पर निर्माण शासकीय जमीन पर
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16 सितंबर 2024 को मात्र 100 और 20 रुपये के स्टांप पेपर पर नोटरी लिखा-पढ़ी की गई
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598 वर्गफुट भूमि की कीमत 10 लाख रुपये बताई गई
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असली निर्माण खसरा नंबर 102/5, यानी शासकीय भूमि पर किया जा रहा है
