रायपुर। बीमा कंपनी में जमा रकम दिलाने के नाम पर काॅल कर ठगी करने वाले गिरोह का भंड़ाफोड राज्य साइबर पुलिस ने किया है। पुलिस ने आरोपियों को दिल्ली से धर-दबोचा है। दिल्ली में पांचो आरोपी काॅल सेंटर संचालित कर लोगों को चूना लगाते थे। जानकारी के मुताबिक, प्रार्थी रमेश कुमार राठौर 63 वर्ष निवासी खरसिया रायगढ़ ने राज्य साइबर पुलिस थाना पुलिस मुख्यालय में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा बीमा अधिकारी के नाम से फोन कर बीमा कंपनी में जमा राशि को वापस दिलाने के नाम से कुल 1,01,98,943 रूपये (एक करोड़ एक लाख अन्टानवे हजार नौ सौ तिरालिस रूपये) की धोखाधडी की।

शिकायत को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता ने गंभीरता से लिया और मामले की जांच कर आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए। 22 अप्रैल को राज्य साइबर पुलिस थाना पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर में अपराध धारा 420, 34 भादवि एवं 66 (डी) सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम 2000 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

आरोपियों द्वारा विभिन्न तारीखों में ठगी की पूरी राशि 10 बैंकों में जमा कराई जाने की बात सामने आई। पुलिस ने तत्काल संबंधित बैंक खातों का स्टेटमेंट लेकर धोखाधड़ी की राशि होल्ड एवं बैंक अकाउंट को डेबिट फ्रीज कराने बैंको को नोटिस जारी किया।

बैंको से प्राप्त जानकारी के आधार पर निखिल जिंदल 33 वर्ष, जावेद उम्र 27 वर्ष, शिवम गुप्ता 25 वर्ष, विजय कुमार 27 वर्ष, आदर्श शुक्ला को दिल्ली से पकड़ा गया। कड़ाई से पुछताछ पर अपना जुर्म कबूल किया। सभी को दिल्ली से गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया। 10 नग मोबाईल बरामद कर 3 लाख रूपये होल्ड कराने की कार्यवाही की गई। आरोपियो द्वारा बताया गया कि शिवम गुप्ता, भोलेनाथ नगर, बाबूबाल स्कूल के पास, थाना फर्शनगर, दक्षिण दिल्ली से कॉल सेंटर संचालित कर अपने साथी विजय कुमार एवं आदर्श शुक्ला के साथ बीमा अधिकारी बनकर फोन से बंद बीमा पॉलीसी को चालू कराने के नाम पर झांसे में लेता था।

आरोपी निखिल जिंदल ऑन लाईन वर्क फ्राम होम जॉब दिलाने के नाम पर अंजान लोगो का अकाउंट ओपन कराता था। खातों में ठगी का पैसा जमा किये जाने हेतु शिवम गुप्ता को जानकारी प्रदाय करता था। फोन पे, नेट बैंकिंग के माध्यम से एक खाते से दूसरे खाते में अमाउंट ट्रांसफर करता था। निखिल जिंदल द्वारा दिये गये डेबिटकार्ड के माध्यम से जावेद एटीएम के जरिये पैसा निकालने का कार्य करता था।

उक्त दर्ज प्रकरण में DGP अशोक जुनेजा के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवायें) प्रदीप गुप्ता के मार्गदर्शन व पुलिस महानिरीक्षक (तकनीकी सेवायें) अंकित गर्ग के पर्यवेक्षण में राज्य साइबर पुलिस थाना नवा रायपुर से टीम गठित कर जांच शुरू की गई। उप पुलिस अधीक्षक निशीथ अग्रवाल की अगुवाई में मामले की विवेचना हेतु दीगर राज्य दिल्ली एवं उत्तरप्रदेश रवाना किया गया था। प्रधान आरक्षक संदीप झा, प्रधान आरक्षक नरेन्द्र कुमार, आरक्षक भुनेश्वर साहू, आरक्षक राजेश राठौर, आरक्षक मो. फाजिल एवं महिला आरक्षक रूबिना बानो की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

 

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