By Rahul Tripathi

            संगठन के कोर कमेटी सदस्य व संरक्षक श्री पुरण सिंह चौहान जी ने स्पष्ट किया है कि संगठन के कोर कमेटी सदस्य व संगठन के सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने ईश्वर उपाध्याय व परिवार के सभी सदस्यों के इच्छानुसार सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि ईश्वर उपाध्याय अथवा ईश्वर उपाध्याय के परिवार के कोई भी सदस्य आगामी जामुल नगर पालिका चुनाव (2026) में चुनाव नहीं लड़ेंगे,

ज्ञात हो की वर्तमान में जामुल में श्री राम कथा का विशाल आयोजन होना है इस आयोजन को कुछ लोग चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं, नगरपालिका चुनाव कि तैयारी के लिए ही राम कथा आयोजित की जा रही है ऐसी भ्रामक ख़बरें कुछ नेताओं और राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाले लोग फैला रहे हैं, व्हाट्सएप ग्रुप पर,पान ठेलों, होटलों, सेलूनों, चौक चौराहों पर चर्चा होने लगी है कि ईश्वर उपाध्याय को अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहिए और कुछ लोगों को ये लगने लगा है कि पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए ही राम कथा कराया जा रहा है,

इस बात का खंडन करते हुए पुरण सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि ईश्वर उपाध्याय या संस्था का यह पहला आयोजन नहीं है भागवत कथा, शिव कथा,कोविड केयर सेंटर आदि कार्य पूर्व में भी होता रहा है और आगामी राम कथा के बाद आचार्य युवराज पांडेय जी से देवी भागवत कथा का भी आयोजन इसी संस्था संस्कार मंच के माध्यम से सुरडुंग-जामुल में किया जाना है, ऐसे में हर कार्य को राजनीति से प्रेरित कहना अनुचित है, इसी के साथ श्री चौहान जी ने घोषणा की है , कि ईश्वर उपाध्याय या ईश्वर उपाध्याय के परिवार से कोई भी सदस्य आगामी जामुल नगर पालिका चुनाव (2026) नहीं लड़ेगा, और इसको लेकर विभिन्न तर्क भी सभी नगरवासियों के समक्ष रखे हैं।

 

जिसमें से एक तर्क यह भी है,  चौहान ने बताया कि विवाह के पूर्व बहु (ईश्वर उपाध्याय की धर्मपत्नी) केन्द्र सरकार की एक महती योजना में कार्यरत थीं, ईश्वर उपाध्याय से विवाह के लगभग छ: माह पश्चात ही एक शासकीय विभाग में सरकारी नौकरी में चयन भी हो गया,जॉइनिंग लैटर भी आ गया, जिसके बाद परिवार ने बैठक कर बहु से नौकरी नहीं कराने का निर्णय बहु के कहने पर लिया, इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट रूप से अवगत कराने का मुख्य उद्देश्य यही है कि *जब सरकारी नौकरी को ना कहा गया, तो चुनाव लड़ाना कदापि संभव नहीं है*, आगामी चुनाव में ईश्वर उपाध्याय या परिवार से कोई भी सदस्य नगर पालिका जामुल (2026) चुनाव नहीं लड़ेगा।

 

“विभिन्न मंचों एवं सार्वजनिक चर्चा में भी ईश्वर उपाध्याय ने बहुत ही विनम्रता पूर्वक कहा है कि अभी मुझे बहुत कुछ सीखना है, हमारे जामुल – सुरडुंग नगर में बहुत ही अनुभवी योग्य वरिष्ठ नेतागण हैं सामाज सेवी हैं जिन्हें चुनाव लड़ना चाहिए , मुझमें में अभी उतनी योग्यता नहीं हैं की हम चुनाव लड़ सकें।”

 

पुरण सिंह चौहान जी ने प्रतिष्ठित नगरवासियों से जनभावना के विपरीत घोषणा करने पर क्षमा याचना करते हुए पुनः चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय को काफी स्पष्टता से रखा !

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