नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) को राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP), पीएम गतिशक्ति (PM GatiShakti) और राष्ट्रीय इंफ्रास्टक्चर गलियारे के तहत नए अवसरों का पता लगाने के लिए कहा है। इसमें ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड निवेश परियोजनाएं भी शामिल हैं। सीतारमण ने गवर्निंग काउंसिल (जीसी) की 5वीं बैठक की अध्यक्षता करते कहा कि एनआईआईएफ को ऐसी परियोजनाओं में वाणिज्यिक पूंजी निवेश करने की कोशिश करनी चाहिए।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की तारीफ
वित्तमंत्री ने बुनियादी ढांचा आधारित दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की तारीफ की। इन दोनों कंपनियों में एनआईआईएफ की अधिकांश हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियों की लोन बैलेंस शीट तीन वर्षों में 4,200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,000 करोड़ रुपये हो गई है। अच्छी बात ये है कि इन कंपनियों में एक भी गैर निष्पादित लोन नहीं है।
क्या है एनआईआईएफ
एनआईआईएफ भारत का अर्ध-संप्रभु वेल्थ फंड है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीय और व्यावसायिक रूप से सफल निवेश मंच के रूप में विकसित हुआ है। यह कई वैश्विक और घरेलू निवेशकों द्वारा समर्थित है, जिन्होंने एनआईआईएफ फंड में भारत सरकार के साथ निवेश किया है। एनआईआईएफ हाल में एक डुअल फंड स्कीम में शामिल हुआ।
सरकार के सहयोग से एक ‘इंडिया जापान फंड’ का प्रस्ताव नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड (एनआईआईएफएल) और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (जेबीआईसी) के बीच एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से किया गया है। एमओयू पर हाल ही में 9 नवंबर को हस्ताक्षर किए गए थे।
विकास परियोजनाओं पर बल
एनआईआईएफ को निवेश योग्य पीपीपी परियोजनाओं की एक पाइपलाइन बनाने के लिए कहा गया है। वह केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में सलाह देगा। बैठक के दौरान एनआईआईएफ द्वारा पिछले कुछ वर्षों में की गई प्रगति और इसके निवेश कार्यों से मिली सीख पर भी फोकस किया गया। Governing Council (GC) को 3 फंडों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया।
जिनका प्रबंधन वर्तमान में एनआईआईएफएल द्वारा किया जा रहा है- मास्टर फंड, फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) और स्ट्रैटेजिक अपॉर्चुनिटीज फंड (एसओएफ)। बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी, भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा, डीएसपी समूह के अध्यक्ष हेमेंद्र कोठारी और मणिपाल ग्लोबल के टीवी मोहनदास पाई शामिल थे।