Cannula Surgically Fitted In Cow: भारत में तो गायों को माता का दर्जा दिया गया है. लेकिन दुनिया के तमाम देशों में गायों के साथ कुछ ऐसा किया जा रहा है जिसे सुनकर शायद आपके होश उड़ जाएंगे. हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हुई जिनमें दिखाया गया है कि गायों के पेट में छेद करके कुछ ऐसा किया जा रहा है ताकि उनकी उम्र बढ़ जाए. लेकिन लोग इन तस्वीरों को देखकर भड़क गए और पूछने लगे कि उम्र बढ़ाने का यह कौन सा तरीका है. आइए जानते हैं इसके बारे में कि यह क्या है.
प्रक्रिया काफी लंबे समय से
दरअसल, इस प्रक्रिया को फिस्टुला कहा जाता है इसका मतलब छेद से बनाया गया रास्ता होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रक्रिया काफी लंबे समय से अपनाई जाती है. यह अमेरिकी देशों में काफी प्रचलन में है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सुराग गाय के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं. गायों के अंदरूनी हिस्से की जांच करना बेहद मुश्किल होता है इस वहज से गाय के शरीर में एक सुराख किया जाता है. इस सुराख को प्लास्टिक की रिंग से बंद कर दिया जाता है और सर्जरी के एक महीने के अंदर गाय पूरी तरह से सहज हो जाती है.
आसानी से निरीक्षण
इतना ही नहीं इसके जरिए गाय के शरीर के अंदर पनप रही बीमारियों को सही तरीके से जांचने का दावा किया जाता है. डेयरी उद्योग से जुड़े जानकार बताते हैं कि इससे गायों की बीमारी से होने वाली असामयिक मौत के मामलों में भी काफी कमी आई है. हालांकि इसका आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है. शोधकर्ताओं का कहना है कि गाय के शरीर में बड़ा छेद कर देने से उसके शरीर के अंदर की बीमारियों को आसानी से निरीक्षण किया जा सकता है. इस बड़े छेद के जरिए ये भी जानने में सुविधा होती है कि गाय के पेट में खाना अच्छे से पच रहा है या नहीं.
बड़ा छेद फिस्टुला कहलाता है
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीपल फॉर इथीकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा) ने इस बारे में कुछ समय पहले बताया था कि शरीर में बनाया जाने वाला यह बड़ा छेद फिस्टुला (fistula) कहलाता है. इसके जरिए डॉक्टर गाय के पेट की सफाई कर देते हैं और पनप रही बीमारियों की जांच कर लेते हैं.
इतना ही नहीं बताया गया कि इससे गाय स्वस्थ रहती है और ज्यादा दूध करती है. काफी समय पहले फ्रांस के एक पशु अधिकार समूह ने इस पर आपत्ति जताई था. समूह का कहना था कि गाय के पेट के बारे में अध्ययन करने के लिए के लिए रिसर्चर्स पोर्टहोल (छेद) का इस्तेमाल कर रहे हैं.