रायगढ़ से श्याम भोजवानी
घरघोड़ा – एसईसीएल बरौद खुली खदान साइडिंग से मालगाड़ी की पहली रैक किया गया रवाना इस अवसर पर आनलाइन वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में कोल इंडिया के अध्यक्ष सह निदेशक प्रमोद अग्रवाल (आईएएस)एवं कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे निदेशक माइनिंग डारेक्टर डॉ. प्रेम सागर मिश्रा(आईएएस) ने हरी झंडी दिखाकर मालगाड़ी को रवाना किया इस कार्यक्रम में जनरल मैनेजर कार्यक्रम एसपी अहमद क्षेत्रीय सब एरिया बरौद जामपाली बिजारी गारे-पेलमा क्षेत्र के विभागाध्यक्ष एवं मैनेजर सिक्योरिटी प्रभारी व सभी विभाग प्रमुख उपस्थित रहे, बरौद साइडिंग से पहली खेप महाजेंगो नागपुर के लिए कोयला परिवहन किया गया।
जिसको पुरी विधि-विधान से पूजा अर्चना कर सब एरिया मैनेजर भंवर सिंह द्वारा किया गया, कोल इंडिया लिमिटेड भारत सरकार का बहुआयामी परियोजना घरघोड़ा रेल कारोडोर के तहत बरौद खदान से रोजना 1 लाखों टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है, आने वाले समय में बरौद जामपाली बिजारी से कोयला उत्खनन कर बरौद साइडिंग में डंप किया जायेगा जिससे प्रति दिन लाखों टन कोयला मालगाड़ी से अपने गंतव्य की ओर रवाना होगी वर्तमान पावर प्लांट में कोयले की खपत अधिक है जिसको एसईसीएल द्वारा मुख्य रूप से पुरा किया जा रहा है ।
सबसे पुराने खदानों में से एक बरौद खदान से सबसे अधिक कोयला उत्पादन किया जा रहा है इस कारण रेलवे साइडिंग के रूप में रेलवे कारिडोर में इसको सम्मलित किया गया है, आज से विधिवत रूप से रेलवे साइडिंग के माध्यम से मालगाड़ी से रोजना लाखों टन कोयला उत्पादन किया जायेगा, बरौद सब एरिया मैनेजर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय कोयले की मांग पावर प्लांटों में अधिक है जिसके लिए एस ई सी एल अपने क्षमता अनुरूप कोयला की मांग पुरा करने के लिए कटिबद्ध है बरौद साइडिंग आरंभ होने से कोयला आपूर्ति अधिक होगी ।
मिनी रत्न कंपनी एस ई सी एल द्वारा कोयले की मांग को पूरा किया जा रहा है हर वर्ष हम अपने लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन करने में सफलता हासिल कर रहे हैं जैसे जैसे व्यवस्था में सुधार होगा हम अधिक परिणाम की ओर अग्रसर होंगे, बरौद साइडिंग आरंभ हो गया है अभी यह सिर्फ प्रारंभिक चरण है इससे इस क्षेत्र का विकास होगा रोजगार श्रीजन होंगे नये अवसर मिलेगा हम आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनमानस पत्रकार साथियों का सभी विभाग के कर्मचारियों का धन्यवाद देते हैं जो आज कार्यक्रम के साक्षी बने हैं।