सूरजपुर। जच्चा-बच्चा मौत मामले में आखिरकार महिला डॉक्टर रश्मि कुमार की छुट्टी हो गयी है। राज्य सरकार ने जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ रश्मि को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल 5 अप्रैल को डॉ रश्मि के नर्सिंग होम में महिला और नवजात की मौत हो चुकी थी। इस मामले में परिजनों ने हंगामा किया था। जिसके बाद नवजात के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया था। मामले में स्वास्थ्य विभाग ने शिकायत के आधार पर जांच की थी। रिपोर्ट में जिला अस्पताल की महिला डॉक्टर सहित दो नर्स दोषी पायी गयी थी।
जानकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर 23 अप्रैल को महिला डाक्टर व दो स्टाफ नर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। परिजनों ने डाक्टर और नर्सों की लापरवाही से मां और नवजात की मौत का गंभीर आरोप लगाया था। इस मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गयी है। पुलिस ने मामले में जिला अस्पताल की महिला डॉक्टर सहित दो स्टाफ नर्सों पर मामला दर्ज किया था। चिकित्सक डा. रश्मि सिंह और स्टाफ नर्स मौसम तिर्की व अंजली भगत के खिलाफ गैर इरादतन हत्या में धारा 304ए एवं 34 के तहत अपराध दर्ज किया था।
जांच समिति की रिपोर्ट में जिला अस्पताल की महिला डॉक्टर सहित दो नर्स को दोषी पाया था।इस पर सीएमएचओ ने जांच कमेटी बनाई। जांच में पता चला कि नर्सिंग होम का संचालन जिला अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक डा. रश्मि सिंह करती हैं। तत्कालीन कलेक्टर ने डा. रश्मि सिंह को निलंबित करने के लिए हेल्थ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है। वहीं सीएमएचओ ने प्रतिवेदन के आधार पर दो स्टाफ नर्सों को निलंबित करने के लिए संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र भेजा है। जानकारी के मुताबिक रश्मि नर्सिंग होम के अन्य 10 स्टाफ पर भी इस मामले में जल्द कार्रवाई हो सकती है।
क्या था पूरा मामला
सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगे तिलसिवां में स्थित रश्मि निजी नर्सिंग होम में 5 अप्रैल की रात डिलीवरी के समय नवजात की मौत हो गई थी, वहीं कुछ घंटे बाद प्रसूता की भी मौत हो गई। इस मामले में प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत थाने में की। इधर सीएमएचओ ने भी टीम गठित कर मामले में जांच की बात कही थी। इस मामले में नवजात के दफनाये शव को भी बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। ग्राम भुवनेश्वरपुर निवासी पूजा साहू (22 वर्ष) को 3 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर सूरजपुर जिला अस्पताल पहुंचे।
यहां 4 अप्रैल तक उसका इलाज चला।मृतका के पिता ने बताया कि 4 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. रश्मि कुमार ने उनसे कहा कि उनका अपना नर्सिंग होम है, जिसमें अच्छी सुविधाएं हैं, जहां नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। चिकित्सक ने कहा कि नॉर्मल डिलीवरी के 15 हजार और ऑपरेशन से डिलीवरी में 35-40 हजार रुपए का खर्च आएगा। परिजनों ने उसे रश्मि नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। यहां उन्होंने 10 हजार रुपए एडवांस भी दे दिया।पीड़ित पिता ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि 5 अप्रैल की सुबह 5 से 10 बजे तक बेटी को ऑपरेशन थियेटर में ले गए। डाक्टरों ने बताया की बच्चे की मौत हो गयी। बाद में मां की भी मौत हो गयी। इस मामले में परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया था।
स्वास्थ्य विभाग ने डॉ कुमार रश्मि को किया निलंबित,,,, प्राइवेट रश्मि नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग कर रहा था जांच,,,, डॉ कुमार रश्मि जिला अस्पताल में थी पदस्थ,,, लंबे समय के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही आई सामने,,, पहले भी मामले में दो नर्सों के ऊपर हो चुकी है कार्यवाही,,, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए समिति सौंप चुका था अपनी जांच रिपोर्ट,,,,, रिपोर्ट में जिला अस्पताल की महिला डॉक्टर सहित दो नर्स पाए गए थे दोषी,,,, डॉ रश्मि कुमार खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सचिव स्वास्थ्य कल्याण विभाग रायपुर को लिखी गई थी चिट्ठी,, बिते 5 अप्रैल को पूजा और उसके नवजात की रश्मि नर्सिंग होम के डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से हो गई थी मौत,,,, मृतक के परिजन लगातार कार्रवाई की कर रहे थे मांग,,