रायपुर। छत्तीसगढ़ में बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) की राजिम शाखा में फर्जी ज्वेल लोन घोटाले के मामले में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने तीन बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें बैंक मैनेजर सुनील कुमार, और क्लर्क योगेश पटेल व खेमलाल कंवर शामिल हैं।

कोर्ट ने 29 अप्रैल तक की पुलिस रिमांड मंजूर की

तीनों आरोपियों को ACB/EOW की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 8 दिनों की पुलिस रिमांड (29 अप्रैल तक) भेजा गया है। पुलिस अब आरोपियों से घोटाले की विस्तृत जानकारी व बाकी लिंक जानने के लिए पूछताछ करेगी।

1.65 करोड़ का फर्जी ज्वेल लोन, बंद खातों से हुई हेराफेरी

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022-23 के दौरान, बैंक के बंद खातों का दुरुपयोग करते हुए करीब ₹1.65 करोड़ के फर्जी गहनों पर लोन पास किया गया। आरोपियों ने लोन की राशि अपने फायदे के लिए इस्तेमाल की और बैंक को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही पहले ही हो चुकी हैं गिरफ्तार

इस घोटाले में पहले ही बैंक की सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही को गिरफ्तार किया जा चुका है। EOW की जांच में खुलासा हुआ कि ज्वेल लोन की राशि अंकिता के निजी खाते में ट्रांसफर की गई थी।

शेयर ट्रेडिंग में गंवाए बैंक के पैसे

EOW की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता ने यह पैसा जोरोधा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए Futures & Options में इन्वेस्ट किया था। 1.65 करोड़ रुपए का पूरा निवेश डूब गया, जिससे बैंक को बड़ा घाटा हुआ।

बिहार से हुई मैनेजर की गिरफ्तारी, दो क्लर्क भी दबोचे गए

EOW की टीम ने बैंक मैनेजर सुनील कुमार को बिहार से गिरफ्तार किया, जबकि क्लर्क योगेश पटेल और खेमलाल कंवर को स्थानीय स्तर पर हिरासत में लिया गया। अब तीनों से गहराई से पूछताछ की जा रही है ताकि पूरे घोटाले की परतें खोली जा सकें।

EOW की जांच जारी, और भी गिरफ्तारी संभव

EOW अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सुनियोजित बैंक धोखाधड़ी का प्रतीक है और जल्द ही इसमें और बैंक अधिकारियों की भूमिका भी सामने आ सकती है। जांच में अभी कई चौंकाने वाले खुलासे होने बाकी हैं।

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