
यूजीसी गाइडलाइंस के बावजूद कोर्ट ने परीक्षा डेट बदलने से किया इनकार
बिलासपुर (छत्तीसगढ़): अगर आप दो यूनिवर्सिटी से एक साथ डिग्री कर रहे हैं और दोनों की परीक्षाएं एक ही तारीख को पड़ रही हैं, तो इस पर राहत मिलना मुश्किल है। ऐसा ही मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में पहुंचा, लेकिन कोर्ट ने छात्र की याचिका को खारिज कर दिया।
एमएसडब्ल्यू और एलएलबी की परीक्षाएं एक साथ, छात्र की दलील नहीं मानी गई
कोनी (बिलासपुर) निवासी सत्येन्द्र प्रकाश सूर्यवंशी, एक साथ पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी से एमएसडब्ल्यू और अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई कर रहे हैं। जब दोनों संस्थानों की फाइनल परीक्षाओं का टाइम टेबल सामने आया, तो उन्होंने पाया कि तारीखें टकरा रही हैं। इस वजह से उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तारीख अलग करने की मांग की।

हाईकोर्ट की सख्ती: परीक्षा समय-सारणी में कोर्ट नहीं करेगा हस्तक्षेप
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि:
“रिट याचिका के जरिए परीक्षा की तिथियों में बदलाव नहीं कराया जा सकता। यह विश्वविद्यालय का प्रशासनिक निर्णय है और जब तक यह साफ तौर पर गैरकानूनी न हो, तब तक उसमें दखल देना संभव नहीं।”
छात्र की दलील – यह जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन
सत्येन्द्र ने कोर्ट में कहा कि यूजीसी ने दो डिग्रियों की अनुमति दी है और एनईपी 2020 लागू करने के लिए सरकार टास्क फोर्स भी बना चुकी है। लेकिन विश्वविद्यालयों के समन्वय की कमी के कारण छात्र परीक्षा नहीं दे पा रहे, जो उनके जीवन और स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है।
