अजब/गजब|News T20: ये बात तो हम सभी जानते हैं, विधि के विधान को कोई नहीं बदल सकता, धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति की जिस दिन और जिस वक्त मृत्यु लिखी है, उसे तभी जाना है। इसी लिए कहते हैं कि जो चला गया वो कभी वापस नहीं आ सकता।

लेकिन अगर भगवान चाहें तो उनके लिखे नियमों में भी बदलाव हो सकता है। अब आप यही देख लीजिए उत्तराखंड में ही शिव का एक अनोखा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां मरा हुआ व्यक्ति जिंदा हो जाता है। चलिए आपको थोड़ा और जानकारी देते हैं।

यहां है शिव का अनोखा मंदिर

महादेव का ये मंदिर देहरादून से करीबन 128 किमी दूर पर स्थित लाखामंडल जगह पर स्थित है। माना जाता है कि यहां जो व्यक्ति पूजा-पाठ करता है उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।

दुर्योधन ने बनाया था लाक्षाग्रह

माना जाता है कि महाभारत काल में यहां पांडवों को जलाकर मारने के लिए इस लाक्षाग्रह का निर्माण किया था। अपने अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठर ने शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर में आज भी आप उस शिवलिंग को देख सकते हैं।

शिवलिंग के सामने खड़े हैं दो द्वारपाल

शिवलिंग के सामने आपको दो द्वारपाल की मूर्ती दिखाई देगी, जो पश्चिम की ओर मुंह करके खड़े हुए हैं। कहते हैं। माना जाता है कि अगर शव को इन दोनों द्वारपालों के सामने रख दिया जाए और पुजारी इनके ऊपर पवित्र जल छिड़कर दे, तो मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए फिर से जीवित हो सकता है।

जीवित होने के बाद फिर चला जाता है

मृत व्यक्ति जीवित होने के बाद भगवान का नाम लेता है और पवित्र जल लेने के बाद उसकी आत्मा फिर से शरीर को छोड़कर चली जाती है।

 

 

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