ESIS में 50 करोड़ का दवा घोटाला! श्रम मंत्री ने ब्रांडेड दवा खरीदी पर लगाई रोक...

ESIS में ब्रांडेड दवाओं की खरीद में बड़ा घोटाला उजागर

राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं (ESIS) में दवा खरीदी को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। ब्रांडेड दवाओं की खरीद में पांच करोड़ की दवाइयां 50 करोड़ तक खरीदने के आरोप लगाए गए हैं। शिकायतों के बाद श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने ब्रांडेड दवाओं की खरीदी के लिए भेजे गए इंडेंट को तुरंत रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

कमीशनखोरी का खेल: जेनेरिक की जगह ब्रांडेड दवाएं

शिकायत के अनुसार ESIS अधिकारियों ने जेनेरिक दवाओं की बजाय महंगी ब्रांडेड दवाइयां खरीदीं। इनमें कई ऐसी दवाइयां शामिल हैं जो बाजार में चलती ही नहीं और कंपनियां इन्हें भारी कमीशन पर बेचती हैं।
कहा जा रहा है कि 50–60% कमीशन के बदले इन दवाओं की खरीद की गई।

पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत पर कार्रवाई

पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया था कि

  • दवा खरीदी में भारी अनियमितताएं

  • छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन

  • 2024–25 और 2025–26 दोनों वर्षों में ब्रांडेड दवा खरीदी में गड़बड़ियां

इसके बाद श्रम मंत्री ने 2025–26 की दवा खरीदी रोकने का आदेश दिया।

सवाल: जिन पर आरोप, उन्हीं से जांच?

इस मामले में एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जांच उन्हीं को सौंप दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्य सचिव को किसी बाहरी अधिकारी से जांच करानी चाहिए, ताकि जांच निष्पक्ष हो सके।

औषधालयों से मांगी गई दवा स्टॉक की पूरी जानकारी

मंत्री के आदेश के बाद संचालक ने सभी बीमा चिकित्सा पदाधिकारियों से

  • 2025–26 में प्राप्त दवाओं का पूरा विवरण

  • गूगल शीट में स्टॉक की जानकारी

  • कंपनियों द्वारा भेजी गई संदिग्ध दवाएं न लेने के निर्देश
    जारी किए हैं।

2024–25 की खरीदी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं

शिकायतों में यह भी सामने आया कि 2024–25 में भी कई कंपनियों की एक्सपायरी-नजदीक दवाइयां खरीदी गई थीं।
इन पर अब तक जांच के कोई आदेश जारी नहीं किए गए, जबकि ये घोटाला कई सालों से जारी है।

CGMSC के माध्यम से दवा खरीदी की मांग

सरकारी अस्पतालों के लिए दवा खरीदी CGMSC के जरिए होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि

  • ESIS को भी CGMSC के माध्यम से दवा खरीदनी चाहिए

  • इससे जेनेरिक दवाएं मिलेंगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी

लेकिन ESIS अधिकारी सीधे कंपनियों से ब्रांडेड दवाएं खरीद रहे हैं, जिससे हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

भंडार क्रय नियमों का खुलेआम उल्लंघन

चिट्ठी में बताया गया है कि दवा खरीदी में

  • उचित दरें

  • स्थानीय उद्योग को बढ़ावा

  • गुणवत्ता
    जैसे नियमों का पालन नहीं किया गया।
    नियमों को नजरअंदाज कर महंगी, ब्रांडेड और गैर-जरूरी दवाएं खरीदी गईं।

हर वर्ष 50 करोड़ से अधिक का घोटाला – बड़ा खुलासा

सूत्रों के मुताबिक ESIS हर साल पचास सौ करोड़ से अधिक की दवाएं खरीदता है, जिनमें से 50 करोड़ से अधिक की भ्रष्टाचार राशि बताई जा रही है।

राज्यभर में 40 से अधिक डिस्पेंसरी और अस्पताल हैं, जहां मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन

  • जेनेरिक की जगह महंगी ब्रांडेड दवाएं

  • डॉक्टरों का ब्रांडेड दवाएं लिखना

  • कंपनियों से सांठगांठ
    ने सरकार को भारी नुकसान पहुँचाया है।

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