.प्रदेश में उद्यानिकी फसलों की बेहतर संभावनाएं, ऐसा काम करें कि दूसरे राज्य भी करें अनुकरण

.उद्यानिकी फसलों के प्रसार के लिए सरगुजा संभाग में बनेगा 1000 एकड़ का पायलट प्रोजेक्ट

.कृषि मंत्री ने विभागीय काम-काज की समीक्षा की

रायपुर|News T20: कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने आज नया रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के बेंक्वेट हाल में विभागीय काम-काज की समीक्षा की। मंत्री नेताम ने बैठक में कहा कि पात्र और वास्तविक किसानों को शासन के योजनाओं का लाभ मिले यह सुनिश्चित हो। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। जैविक खेती को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण ज्यादातर किसान धान की फसल लेने लगे हैं, लेकिन इससे पानी का इस्तेमाल बढ़ा है, जिससे आने वाले समय में पानी की समस्या भी हो सकती है। साथ ही दलहन जैसी फसलें लेने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। अतः दलहन, तिलहन जैसे चक्रीय फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए तथा इन चक्रीय फसलों के लाभ के बारे में किसानों को बताएं। मंत्री नेताम ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति जैसे अबुझमाड़िया, बिरहोर, बैगा, कमार और पहाड़ी कोरवा, वन अधिकार पत्र धारी किसानों सहित पात्र हितग्राहियों को शत-प्रतिशत जोड़ा जाय। उन्होंने अपूर्ण कार्याें को गुणवत्तापूर्ण और शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।मंत्री नेताम ने बैठक में कहा कि मिलेट फसलों को बढ़ावा दिया जाए, इसके लिए मार्केट उपलब्ध कराया जाए ताकि किसानों को फसल को विक्रय करने में कोई परेशानी न हो और उनकी उपज का ज्यादा से ज्यादा दाम मिल सके।

मंत्री नेताम ने कृषि यांत्रिकीकरण सबमिशन योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के जरिये छोटे-छोटे किसानों को कम लागत के यंत्र उपलब्ध कराए जाएं। जिससे छोटे किसान भी उन्नत कृषि की ओर अग्रसर हो और आर्थिक रूप से सशक्त बने।

उन्होंने उद्यानिकी विभाग की समीक्षा में कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी फसलों की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के प्रसार के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। उद्यानिकी के क्षेत्र में ऐसा काम करें कि देश के दूसरे राज्य यहां का अनुकरण करें। उन्होंने नये-नये उद्यानिकी फसलों के प्रयोग हेतु 1000 एकड़ का पायलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव बनाने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलेवार उस जिले के प्रमुख उद्यानिकी फसलों को चिन्हांकित कर उस फसल को बढ़ावा देने प्रयास किया जाए, जिससे उस फसल के नाम पर उस जिले का नाम बढ़े।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, विशेष सचिव कृषि डॉ. सारांश मित्तर, संचालक कृषि श्रीमती चंदन त्रिपाठी सहित प्रबंध संचालक, अपर संचालक, सयुंक्त संचालक और जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *