रायपुर

रायपुर

राज्य में तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर नियंत्रण के लिए इससे जुड़े कानूनों को कड़ाई से लागू करने तथा सभी शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त बनाने प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। नवा रायपुर स्थित स्वास्थ्य भवन में राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (एसटीसीसी), राष्ट्रीय सहयोगी संस्थाओं तथा गैर-सरकारी संगठनों की बैठक में इस पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए सभी संस्थाओं एवं संगठनों की सामूहिक सहभागिता पर जोर दिया गया। बैठक में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के लिए विस्तार से चर्चा की गई और सहयोगी संस्थाओं की भागीदारी से छत्तीसगढ़ को तंबाकू मुक्त राज्य बनाने का निर्णय लिया गया।

राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही सहयोगी संस्थाओं और एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की सराहना की गई। डॉ. जैन ने बैठक में कहा कि राज्य को तंबाकूमुक्त बनाने में संस्थाओं की सहभागिता बहुत आवश्यक है। सामूहिक सहभागिता के माध्यम से ही राज्य को तंबाकूमुक्त बनाया जा सकता है। जन-जागरूकता के जरिए ही तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को राज्य में प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने सहयोगी संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि जमीनी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण के लिए कोई कमी दिख रही है तो वे इससे विभाग को अवगत कराएं। उन्होंने सामूहिक सहभागिता से खामियों और कमियों को दूर कर तंबाकूमुक्त राज्य की परिकल्पना को किस प्रकार साकार किया जा सकता है, इसे सुनिश्चित कराने में स्वयं का योगदान देने की अपील भी की।

बैठक में बताया गया कि राज्य में व्यस्कों एवं बच्चों द्वारा तम्बाकू का उपयोग चिंताजनक है। राज्य की 39.1 प्रतिशत आबादी तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों का उपयोग करती है। प्रदेश में 13-15 वर्ष आयु वर्ग के आठ प्रतिशत बच्चे तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं। इस पर सभी संस्थाओं ने चिंता व्यक्त करते हुए बच्चों और युवाओं को तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने को जरूरी बताया। बैठक में तम्बाकू नियंत्रण के लिए कानूनी प्रावधानों जैसे कोटपा एक्ट-2003, कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) अधिनियम-2021 तथा ई-सिगरेट पर प्रतिबंध कानून-2019 का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया गया। छत्तीसगढ़ की सभी शैक्षणिक संस्थानों तथा सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं को तम्बाकमुक्त बनाने के लिए एक क्रियान्वयन समिति का गठन शीघ्र किए जाने की भी जानकारी इस दौरान साझा की गई।

बैठक में ‘द यूनियन’ संस्था के सीनियर तकनीकी एडवाइजर डॉ. अमित यादव ने राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए सामूहिक सहभागिता की जरूरत को रेखांकित किया। राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की राज्य विधिक सलाहकार सुश्री ख्याति जैन एवं राज्य सलाहकार डॉ. नेहा साहू ने राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की गतिविधियों और प्रयासों की जानकारी दी। बैठक में राज्य में संचालित टोल-फ्री नंबर 104 के प्रतिनिधि ने बताया कि तम्बाकू का उपयोग छोड़ने के लिए मरीजों द्वारा टोल-फ्री नंबर 104 में कॉल कर सहयता ली जा रही है। टोल-फ्री नंबर के माध्यम से तम्बाकू का उपयोग करने वाले मरीजों को तम्बाकू छोड़ने के लिए आवश्यक परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही है। बैठक में वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचएआई), सी थ्री और समर्थन संस्था, रायपुर के अवतार नशामुक्ति केन्द्र, पिरामल स्वास्थ्य, सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, रायपुर एवं बिलासपुर स्थित दंत चिकित्सा महाविद्यालय तथा राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र (एसएचआरसी) के प्रतिनिधियों ने तंबाकू नियंत्रण के लिए अपने-अपने संस्थानों द्वारा किए जा रहे कार्यों के अनुभव साझा किए।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *