पिछले कुछ दिनों से देशभर में ईडी का अभियान चल रहा है। भ्रष्ट नेता फिलहाल ईडी के रडार पर है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई जगहों पर छापेमारी भी की जा रही है। इसी बीच, तमिलनाडु में एक सरकारी अधिकारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम अंकित तिवारी बताया जा रहा है।
ईडी अधिकारी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुलिस तलाशी के लिए ईडी के मदुरै कार्यालय पहुंची। ईडी दफ्तर में पुलिस की तलाशी को लेकर जमकर ड्रामा और हंगामा हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अंकित ही नहीं, मदुरै और चेन्नई के कई अन्य ईडी अधिकारी भी वित्तीय भ्रष्टाचार में शामिल हैं। उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। कथित तौर पर ईडी अधिकारी अंकित तिवारी कई लोगों को ब्लैकमेल करता था और उनसे रिश्वत के तौर पर करोड़ों रुपये लेता था। रिश्वत की रकम ईडी के बाकी अधिकारियों के बीच भी बांटी गई थी। अंकित के कार्यालय की तलाशी ली गई और कई दस्तावेज जब्त किए गए, जिसमें रिश्वत के पैसे के लेनदेन के सबूत मिले। नीचें देखिए वीडियो…
29 अक्टूबर को आरोपी ईडी अधिकारी ने केस बंद करने के बदले में तमिलनाडु के डिंडीगुल में एक सरकारी कर्मचारी से लाखों रुपये की रिश्वत की मांग की थी। अंकित ने बताया कि ब्लैकमेल करने वाला सरकारी अधिकारी, प्रधानमंत्री कार्यालय से ईडी को मामले की जांच करने को कहा गया है। अगले दिन सरकारी कर्मचारी ईडी दफ्तर आया। उस वक्त अंकित ने उनसे 3 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने कहा कि अगर ये पैसे दे दिए जाएं तो केस ख़त्म हो जाएगा। लंबी बातचीत के बाद ईडी अधिकारी 51 लाख रुपये की रिश्वत पर सहमत हुआ।
1 नवंबर को सरकारी कर्मचारी ने अंकित को 20 लाख रुपये की रिश्वत दी। लेकिन ईडी अधिकारी ने कहा कि रिश्वत की पूरी रकम चुकानी होगी क्योंकि यह पैसा वरिष्ठ अधिकारियों के बीच भी बांटा जाएगा। अंकित ने जल्द पैसे नहीं देने पर सरकारी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की धमकी भी दी। इस पर सरकारी कर्मचारी को शक हुआ। 30 नवंबर को उन्होंने डिंडीगुल के सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में शिकायत की। इसके तुरंत बाद शुक्रवार को ईडी अधिकारी को बाकी 20 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।