भिलाई [न्यूज़ टी 20] विपक्षी दलों ने धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) में संशोधन और इस कानून की समीक्षा की मांग की है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित 17 विपक्षी दलों ने साझा बयान जारी कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मिले अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई।

उन्होंने कहा कि इससे केंद्र सरकार के हाथ और मजबूत होंगे। विपक्षा ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट के पीएमएलए के बारे में दिए गए आदेश के दूरगामी असर देखने को मिल सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए।

एक फैसले में धनशोधन निवारण कानून में किए गए संशोधनों को पूरी तरह से बरकरार रखा था। इसकी छानबीन नहीं की कि इनमें से कुछ संशोधन वित्त विधेयक के जरिए किए गए।”

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को मिले अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राजनीतिक प्रतिशोध में लगी केंद्र सरकार के हाथ और मजबूत होंगे।

इन दलों ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय बहुत कम समय के लिए होगा और आगे संवैधानिक प्रावधानों की जीत होगी। साझा बयान पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, आईयूएमएल, सीपीएम, सीपीआई, एमडीएमके, राष्ट्रीय जनता दल,

आरएसपी और शिवसेना सहित 17 दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। इन दलों के साथ निर्दलीय राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी हस्ताक्षर किए हैं। विपक्षी दल लगातार सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई की मांग करते रहे हैं।

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