बालको नगर में दशहरा महोत्सव और रामलीला की धूम, बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश

रामलीला और रावण दहन का भव्य आयोजन

कोरबा के बालको नगर में विजयादशमी के पावन अवसर पर सार्वजनिक रामलीला और दशहरा महोत्सव बड़े ही भव्य और उत्साहपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ। बालको प्रबंधन के सहयोग और भारत एल्यूमीनियम मजदूर संघ (इंटक) की मेज़बानी में आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों नगरवासी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शामिल हुए।

इस वर्ष के मुख्य आकर्षणों में रामलीला का मंचन, रावण दहन और इंद्रधनुषी आतिशबाजी शामिल रही। जैसे ही विशालकाय रावण के पुतले को अग्नि दी गई, रामलीला मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

बालको के सीईओ राजेश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ बालको प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी, सालूजा बालको महिला मंडल की अध्यक्ष और इंटक के पदाधिकारी भी मंच पर मौजूद रहे। अतिथियों ने दशहरा पर्व को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बताते हुए कहा कि रामलीला और दशहरा महोत्सव जैसी परंपराएँ समाज को एकजुट रखने का कार्य करती हैं।

दुर्गा पंडाल और धार्मिक अनुष्ठान

बालको नगर के सेक्टर-3 का दुर्गा पंडाल इस वर्ष विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यहाँ की भव्य सजावट और धार्मिक अनुष्ठानों में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते नजर आए। माता दुर्गा की प्रतिमा की सुंदर सजावट और पूजा-अर्चना ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

बच्चों और युवाओं की भागीदारी

बालको नगर की रामलीला दशकों पुरानी परंपरा का हिस्सा है। संपूर्ण रामायण का मंचन कई दिनों तक चलता है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह आयोजन बालको नगर की पहचान बन चुका है।
मुख्य कार्यक्रम में राम, सीता, लक्ष्मण और अन्य पात्रों के अभिनय और संवाद ने दर्शकों का मन मोह लिया। रावण दहन के समय भीड़ ने जोरदार जय श्रीराम के उद्घोष किए।

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था

रामलीला मैदान में भारी भीड़ होने के बावजूद पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह मुस्तैद रही। सभी मार्गों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और भीड़ नियंत्रण के कारण कार्यक्रम शांति और गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ।

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