
दुर्ग। दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) की अध्यक्षता में दोषमुक्ति प्रकरणों की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक IG कार्यालय के सभागार कक्ष में अभियोजन अधिकारियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुई, जिसका उद्देश्य न्यायालयों द्वारा अभियुक्तों को बरी किए जाने के प्रमुख कारणों की समीक्षा करना था।
जांच की कमजोरियां बनीं दोषमुक्ति का कारण

बैठक में अभियोजन पक्ष ने बताया कि –
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तथ्यान्वेषण की त्रुटियां
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साक्ष्य संकलन में लापरवाही
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गवाहों के hostile हो जाना
जैसे कारणों से आरोपी दोषमुक्त हो रहे हैं।
गवाहों से संवाद बढ़ाने और साक्ष्य संबल की सलाह
IG रामगोपाल गर्ग ने निर्देश दिए कि:
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विवेचक प्रार्थी और गवाहों से सतत संपर्क बनाए रखें।
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उन्हें अपने पूर्व कथनों पर दृढ़ रहने के लिए प्रेरित करें।
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न्यायालय में निर्भीक गवाही देने की मानसिकता विकसित की जाए।
यह सुनिश्चित करेगा कि अभियोजन पक्ष मजबूत हो और दोषियों को सज़ा मिल सके।
बार-बार स्थगन पर अभियोजन पक्ष दे आपत्ति
IG गर्ग ने यह भी स्पष्ट किया कि:
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नई आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत अभियोजन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे बार-बार की जा रही तारीखें बढ़ाने की मांग पर न्यायालय में आपत्ति दर्ज कराएं।
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इससे प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो सकेगा और न्याय प्रक्रिया में गति आएगी।
बैठक में शामिल अधिकारीगण
बैठक में निम्न अधिकारी उपस्थित रहे:
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संयुक्त संचालक अभियोजन दुर्ग – एस.एस. ध्रुव
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उप संचालक दुर्ग – अनुरेखा सिंह
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उप संचालक बालोद – प्रेमेंद्र बैसवाड़े
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उप संचालक बेमेतरा – कंचन पाटिल
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग – पद्मश्री तंवर
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद – अशोक जोशी
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उप पुलिस अधीक्षक – शिल्पा साहू, कौशल्या साहू
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अन्य स्टाफ: राजकुमार प्रधान, तेजस्वी गौतम, प्रशांत कुमार शुक्ला
