
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। पुलगांव स्थित बाल संप्रेषण गृह में पदस्थ परिवीक्षा अधिकारी रामकुमार सूर्यवंशी को एक नाबालिग बंदी से अप्राकृतिक संबंध बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपी पर पॉक्सो एक्ट और IPC की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, आरोपी रामकुमार सूर्यवंशी ने एक हत्या के आरोपी अपचारी बालक को उसके भाई से मिलवाने का झांसा देकर उसके साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक कृत्य किया। यह घटना पुलगांव थाना क्षेत्र के बाल संप्रेषण गृह में घटी है।

शिकायत और कार्रवाई का क्रम
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न्यायालय की निरीक्षण टीम पिछले सप्ताह संप्रेषण गृह का दौरा करने पहुंची थी।
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निरीक्षण के दौरान पीड़ित बालक ने टीम को आपबीती सुनाई।
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टीम ने तुरंत दुर्ग पुलिस को सूचना दी।
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पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया।
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आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
बालक की स्थिति और पृष्ठभूमि
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पीड़ित बालक पिछले 35 महीनों से बाल संप्रेषण गृह में बंद है।
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वह दूसरे जिले का निवासी है और एक हत्या मामले में अपचारी के रूप में निरुद्ध है।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना के बाद बाल अधिकारों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। जहां एक ओर सरकार बच्चों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करती है, वहीं इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही और अंदरूनी सिस्टम की खामियों को उजागर करती हैं।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज़ी से की जा रही है और अन्य बालकों के बयान भी लिए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
