By Poornima

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शिक्षा विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी पर अपने पद का दुरुपयोग करने और अपनी शिक्षक पत्नी को लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला सामने आने के बाद दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर द्वारा की गई है। 

पत्नी को बचाने की ‘कूटरचना’
मामला शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया से जुड़ा है। आरोप है कि दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव ने अपनी पत्नी, जो कि एक हिंदी शिक्षिका हैं, को अतिशेष (Surplus) शिक्षकों की सूची में आने से बचाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर किया। 

जानकारी के अनुसार, बीईओ गोविंद साव ने अपनी हिंदी शिक्षिका पत्नी को अतिशेष शिक्षकों की सूची से बाहर रखने के लिए उन्हें गणित विषय की शिक्षिका के रूप में दर्शाया। यह हेरफेर इसलिए किया गया ताकि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत उनका तबादला या समायोजन न हो सके, 

 प्रक्रिया के दौरान शिक्षकों की विषयवार जानकारी और उनकी वास्तविक पदस्थापना का मिलान किया गया, जिसमें यह गड़बड़ी पकड़ में आई।

आरोपों की पुष्टि: जांच में पाया गया कि बीईओ ने जानबूझकर अपनी पत्नी की विषय विशेषज्ञता को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था।

निलंबन का आदेश और कानूनी आधार
संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीईओ गोविंद साव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। 

आचरण नियमों का उल्लंघन: संभागायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए अपनी पत्नी को अतिशेष सूची से बचाने के लिए कूटरचना करना छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है

इसे कर्तव्य निर्वहन में गंभीर लापरवाही और कदाचार मानते हुए, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत बीईओ गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। 

 

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