रायपुर: हरा सोना के नाम से ख्यात तेंदूपत्ता का संग्रहण ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के अतिरिक्त आय का स्त्रोत है। छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ता का संग्रहण लघु वनोपज के रूप में किया जाता है। 12 लाख से अधिक ग्रामीण इस कार्य से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जा रहा है।

रायपुर

जिससे संग्राहकों को पहले के 4 हजार प्रति मानक बोरा की तुलना में 15 सौ रुपए अधिक मिल रहे है, इससे संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण से होने वाली आय बढ़ी है। रायगढ़ जिले में 98 हजार 977 संग्राहकों को 68 करोड़ 68 लाख 11 हजार 180 रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

बढ़ी दरों के लिहाज से जिले के संग्राहकों को 18.73 करोड़ रुपए का ज्यादा मुनाफा मिला है। जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ के प्रबंध संचालक ने बताया कि रायगढ़ जिला अंतर्गत दो जिला वनोपज सहकारी यूनियन रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ में वर्ष 2024 तेन्दूपत्ता सीजन में 112 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 94 लॉट निर्धारित है।

जिले में संग्रहण हेतु 747 संग्रहण केन्द्र में संग्रहण कार्य हेतु 1 लाख 40 हजार 600 मानक बोरा का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें तेन्दूपत्ता संग्रहण लक्ष्य के विरूद्ध 1 लाख 24 हजार 874.760 मानक बोरा संग्रहण किया गया है। इस वर्ष संग्रहण की दर 5500 रुपये प्रति मानक बोरा (550 रुपये प्रति सौ गड्डी) निर्धारित है।

गेरवानी समिति फड़ सराईपाली के अमृत लाल अगरिया एवं उनकी पत्नी श्रीमती पुना अगरिया ने बताया कि सीजन में उन्होंने 3640 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 20 हजार 20 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संवेदनशील निर्णय से हम संग्राहकों को पहले से ज्यादा राशि मिल रही है, जो हमारे लिए अतिरिक्त आय का आधार बन रहा है।

इसी तरह गेरवानी समिति फड़ गौरमुड़ी के नथीराम एवं उनकी पत्नी सुखमनी ने बताया कि उन्होंने 3420 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 18 हजार 810 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ था। प्राप्त रूपये से उन्होंने बरसात में होनी वाली परेशानी को देखते हुए खप्पर वाला घर के छत की मरम्मत कराकर उसमें एस्बेस्टस की छत डलवाए हैं और डोली खेत में भी राशि खर्च की है।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *