बिलासपुर में गणतंत्र दिवस पर्व पर कई जगह विवाद और बवाल हो गया। जिले के एक स्कूल में झंडा फहराने को लेकर दो जनप्रतिनिधि आपस में ही भिड़ गए और स्टूडेंट्स के सामने एक-दूसरे को गाली देते हुए हाथापाई शुरू कर दी। वहीं, दूसरे स्कूल में टीचर शराब के नशे में स्कूल पहुंच गया। यहां नशेबाज टीचर को देखकर ग्रामीणों ने हंगामा मचाया और ग्राम सभा की बैठक बुलाकर शिक्षकों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।
इस दौरान नशेबाज टीचर ने कहा कि आप लोगों को जो करना है कर लो, मेरा कुछ नहीं होगा। मामला रतनपुर क्षेत्र के नवागांव मोहदा और मस्तूरी ब्लॉक के जुनवानी स्कूल का है। ग्राम नवागांव मोहदा में गणतंत्र दिवस पर्व पर स्कूली बच्चों और टीचर ने प्रभात फेरी निकाली। इसके बाद सभी स्कूल पहुंचे। यहां शिक्षकों ने शाला विकास समिति के पदाधिकारियों के साथ ही गांव के जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया था।
शिक्षकों ने पहले से तय कर लिया था कि स्कूल में शाला विकास समिति के अध्यक्ष ध्वजारोहण करेंगे। लेकिन, गांव के सरपंच और समर्थक भी समारोह में पहुंचे थे, जिन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया। स्कूल में झंडा फहराने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान गांव के स्थानीय नेता संतोष साहू और महावीर साहू के बीच विवाद शुरू हो गया। दोनों तिरंगा झंडा फहराने के लिए एक-दूसरे को गाली देते हुए झूमाझटकी करते हुए हाथापाई करने लगे। उन्हें मौजूद लोगों ने शांत कराया और गांव के सरपंच से फहरवाया गया।
स्कूली बच्चों के सामने एक-दूसरे को देने लगे गाली
यहां स्कूली बच्चे तिरंगा झंडा फहराने के लिए लाइन में खड़े थे। तभी दोनों स्थानीय नेता आपस में ही भिड़ गए और एक-दूसरे को गालियां देने लगे। उनकी इन हरकतों को स्कूली बच्चे देखते रहे। हालांकि, गांव के लोगों ने उन्हें शांत कराया और कार्यक्रम शुरू कराया।
शराब के नशे में पहुंचा टीचर, शिक्षकों की लेटलतीफी पर भड़के ग्रामीण
इधर, मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम जूनवानी स्थित स्कूल में संकुल प्रभारी टीचर रामसागर कश्यप शराब के नशे में गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने पहुंचे। जब संकुल प्रभारी स्कूल पहुंचा, तब बाकी के टीचर नहीं पहुंचे थे। लड़खड़ाते संकुल प्रभारी को देखकर सरपंच सहित ग्रामीण भड़क गए। दरअसल, संकुल प्रभारी नशे में खड़े होने की स्थिति में भी नहीं थे।
यहां गणतंत्र दिवस समारोह मनाने के बाद पंचायत में ग्राम सभा की बैठक हुई, जिसमें नशेबाज शिक्षक के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं, रोज स्कूल में देरी से आने वाले शिक्षकों से भी घोषणापत्र भराया गया। पंचायत के रजिस्टर में लिखे घोषणा पत्र में सभी शिक्षकों ने रोज समय पर स्कूल आने का संकल्प पत्र भरा है। साथ ही स्कूली कार्य में लापरवाही करने पर पंचायत की ओर से उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी बात कही गई है।