
बच्चों की सुरक्षा के लिए अभियान
महासमुंद जिले में औषधि प्रशासन विभाग ने बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जहरीली कफ सिरप के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। विभाग ने जिले के 18 मेडिकल स्टोर्स में छापेमारी कर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जांच की।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में जहरीली कफ सिरप से 20 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बाद सरकार ने इस दवा के फॉर्मूले पर प्रतिबंध लगाया और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसे देने पर रोक लगा दी थी।
औषधि प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलने के तुरंत बाद औषधि प्रशासन ने जिले में सघन निरीक्षण अभियान शुरू किया।

-
18 मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया
-
विशेष ध्यान प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री पर रखा गया
-
विभाग की सहायक नियंत्रक एडीसी तृप्ति जैन ने चेतावनी दी कि बिना डॉक्टर की पर्ची दवा न बेची जाए
प्रदेश में कुल 72 औषधि निरीक्षक इस अभियान से जुड़े हैं।
जांच के लिए लिए गए सैंपल
निरीक्षण के दौरान कुल चार सैंपल लिए गए:
-
तीन कफ सिरप के सैंपल
-
एक पैनडर्म क्रीम का सैंपल
सभी सैंपल रायपुर स्थित औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
विभाग की एडवाइजरी
-
मेडिकल स्टोर्स संचालकों को सख्त चेतावनी दी गई है कि बिना डॉक्टर की पर्ची किसी भी दवा की बिक्री न करें, विशेषकर बच्चों के लिए।
-
नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों की सुरक्षा और जागरूकता
औषधि विभाग ने इस अभियान के जरिए संदेश दिया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
-
केवल प्रमाणित डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा लें
-
बच्चों को किसी भी प्रतिबंधित दवा का सेवन न कराएँ
-
प्रदेश के सभी जिलों में समान अभियान चलाया जा रहा है
इस पहल से बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कम करने और दवा सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
