दुर्ग / जिला स्तरीय मातृ मृत्यु अंकक्षण समिति की बैठक आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में अप्रेल एंव मई 2024 में अधिसूचित हुएं 4 माता मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की गयी। कलेक्टर सुश्री चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिले में शून्य माता मृत्यु का लक्ष्य रखते हुए फील्ड स्तर पर सुधारात्मक दिशा निर्देशों के पालन हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय के सामने 100 मीटर की परिधि पर निजी संस्थान के एम्बुलेंस नहीं रहना चाहिए।
जिले में मातृ मृत्यु की रोकथाम के लिए फील्ड तथा संस्थागत् स्तर पर शत् प्रतिशत गर्भवती माता का पंजीयन, खतरे वाली माताओ का शीघ्र चिन्हांकन का प्रसव हेतु पूर्व से स्वास्थ्य केन्द्र का चिन्हांकन (मैपिंग) तथा संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल का पालन किये जाने हेतु निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने प्रत्येक खतरे वाली गर्भवती माता का गर्भ जॉच स्त्री रोग विशेषज्ञ के द्वारा कराये जाने, खतरे वाली माताओं का प्रसव हेतु पूर्व से स्वास्थ्य केन्द्र का चिन्हांकन करने, प्रत्येक गर्भवती महिला का शीघ्र पंजीयन एवं 2 से अधिक बच्चे वाले लक्ष्य दंपत्तियों को परिवार नियोजन अपनाने हेतु परामर्श दिए जाने कहा है।
उन्होंने सभी गर्भवती महिलाआंे को प्रत्येक माह की 9 एंव 24 तारीख को शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन अनिवार्यतः जाँच कराने के निर्देश दिये है। समस्त निजी नर्सिंग होम/अस्पताल अपने संस्थान में आने वाली गर्भवती महिलाओं की जानकारी विभाग को प्रदान नहीं कर रहे हैं, इसके लिए कलेक्टर ने समस्त निजी नर्सिंग होम/अस्पताल को गर्भवती महिलाओं की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दिये जाने के कड़े निर्देश दिये है।
समीक्षा में पाया गया कि निजी संस्थाआंे के द्वारा अनावश्यक रूप से ऐसे गंभीर प्रकरणों को अपने यहां भर्ती किया जा रहा हैं, जिन्हें उच्च स्तरीय ईलाज की आवश्यकता होती हैं। इस हेतु निजी संस्थाओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। जिला चिकित्सालय के सामने निजी संस्थानों की एंबुलेन्स 100 मीटर की परिधि में नहीं रहना चाहिए। निजी एंबुलेंस जिला चिकित्सालय के सामने पाये जाने पर एसडीएम द्वारा वाहन की राजसात करने की कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने जिले के समस्त शासकीय एंव निजी अस्पतालों में प्रसव कक्ष एवं प्रसुति वार्ड में संक्रमण रोकथाम संबंधी प्रोटोकॉल का अनिवार्यतः पालन किए जाने के निर्देश दिए है। इस संबंध में चिकित्सकों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन तथा एफओजीएसआई के साथ मिलकर मातृत्व स्वास्थ्य प्रसव स्वास्थ्य देखभाल तथा संक्रमण प्रोटोकॉल के विषय पर कार्यशाला आयोजित करने कहा है। अंतर्विभागीय समन्वय के साथ फील्ड स्तर पर प्रत्येक सप्ताह स्वास्थ्य विभाग की टीम, महिला बाल विकास विभाग एवं मितानिन की बैठक कर प्रत्येक गर्भवती महिला की ट्रेकिंग, गर्भावस्था में लिए जाने वाले पौष्टिक आहार शत्-प्रतिशत संस्थागत् प्रसव एवं घर प्रसव रोकने के लिए समन्वय करते हुए बैठक किये जाने के निर्देश दिए है।
इसके अलावा में जिले में खासकर शहरी क्षेत्र में घर प्रसव रोके जाने हेतु विशेष कार्ययोजना तैयार कर संस्थागत् प्रसव शत्-प्रतिशत किये जाने हेतु चर्चा की गयी। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जे.पी. मेश्राम, सिविल सर्जन डॉ हेमंत साहू, जिला आर.सी.एच. मातृत्व स्वास्थ्य नोडल डॉ. अर्चना चौहान, जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप ताम्रकार, जिला चिकित्सालय से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ममता पाण्डे, डॉ विनिता ध्रुव, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. संजय वालवेन्द्रे, खण्ड चिकित्सा अधिकारी पाटन डॉ. आशीष शर्मा, शहरी भिलाई खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. पियाम सिंह सहित जिला प्रबंधक 108, जिला संमन्वयक मितानिन कार्यक्रम उपस्थित थे।