मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा एक नए आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं। सिहोर में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा पर देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है। इस बारे में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन अष्ठा थाने पर दिया।
भीम आर्मी के नेताओं ने आरोप लगाया कि 2022 में पंडित प्रदीप मिश्रा ने संविधान को लेकर विरोधी बयान दिया था। उन्होंने कथित तौर पर संविधान बदलने की बात कही थी।
पंडित प्रदीप मिश्रा पर ये आरोप ऐसे वक्त लगे हैं जब वह कुबेरेश्वर धाम में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव में फैली अव्यवस्था एवं मौतों को लेकर बुरी तरह घिरे हैं। रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान पुलिसकर्मी समेत कुल 6 लोगों की मौत हुई है।
मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। अब पिछले साल एक कथा के दौरान संविधान को लेकर दिए बयान को लेकर उनके खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग को लेकर थाने में ज्ञापन सौंपा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक कथा में संविधान विरोधी बयान दिया था। उन्होंने संविधान को बदलने की बात कही थी। इस संबंध में मई 2022 में भी जिले के आष्टा और सीहोर थाने में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह की धाराओं में केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिये गए थे।
उस समय भी पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिया था लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि पंडित प्रदीप मिश्रा पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।
वहीं आष्टा थाने के प्रभारी पुष्पेन्द्र राठौर ने बताया कि भीम आर्मी सेना के लोग ज्ञापन देने आए थे। मामला इस थाना क्षेत्र का नहीं है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने होशंगाबाद में कभी कुछ बोला होगा। वह मंडी थाना क्षेत्र के निवासी हैं, इसलिए आवेदन देने वालों से कहा गया है कि जहां का मामला है। वहीं पर जा कर शिकायत दर्ज कराएं।