नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की एक और मुसीबत बढ़ती दिख रही है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को अपनी ही सरकार से एक बड़ा झटका लगा है. दिल्ली सरकार के ही डीआईपी (DIP) यानी डायरेक्टरेट ऑफ इनफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी सचिव ने अरविंद केजरीवाल (AAP Govt) को करीब 164 करोड़ रुपए का रिकवरी नोटिस जारी किया है, जिसे 10 दिनों के भीतर जमा करने को कहा गया है.

दरअसल, आम आदमी पार्टी को कथित तौर पर सरकारी विज्ञापनों की आड़ में उसके राजनीतिक विज्ञापनों को प्रकाशित करवाने के लिए कुल 163.62 करोड़ रुपये का वसूली नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था, जिसके एक महीने बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है.

उपराज्यपाल के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार निदेशालय ने यह नोटिस जारी किया है. सूत्रों ने कहा कि सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) द्वारा जारी वसूली नोटिस में राशि पर लगा ब्याज भी शामिल है और दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ के लिए 10 दिन के अंदर पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है. एक सूत्र ने कहा, ‘अगर आम आदमी पार्टी के संयोजक ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो दिल्ली के उपराज्यपाल के पिछले आदेश के अनुसार समयबद्ध तरीके से सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पार्टी की संपत्तियां कुर्क किया जाना भी शामिल है.’

बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली एलजी विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी और सरकार को कई झटके दिए हैं. केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी की न केवल CBI जांच, बल्कि एलजी ने बिजली सब्सिडी की भी जांच की सिफारिश की थी. वहीं, सिंगापुर सरकार ने अरविंद केजरीवाल को अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाले ‘वर्ल्ड सिटीज’ शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया था, मगर उस दौरे के लिए भी एलजी ने मंजूरी नहीं दी थी.

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