सरगुजा। आज से पांच साल पहले एक मूक बधिर बेटी की गांव के ही एक युवक ने अस्मत लूट ली थी। बेटी की पीड़ा को मां ने समझा और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने भी मां की तरह उनकी पीड़ा को नजदीक से देखा और अहसास भी किया।
पीड़िता ना तो बोल पाती है और ना ही सुन सकती है। इशारों ही इशारों में उन्हाेंने आप-बीती बताई। स्पेशल कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा सुनाने के साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका है। मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) के कोर्ट में हुई।
मूक बधिर युवती से दुष्कर्म के आरोप में आरोपी मुकेश पांडेय को 10 साल की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना एफटीसी ने ठाेंका है। अदालती कार्रवाई की खास बात ये रही कि पीड़िता ने अपने साथ घटित घटना की पूरी जानकारी सिलसिलेवार इशारों के जरिए बताई। कोर्ट की कार्रवाई के वक्त पीड़िता, उसकी मां और विशेषज्ञ मौजूद थी।
कोर्ट द्वारा पूछे जाने वाले सवालों को विशेषज्ञ पीड़िता के सामने इशारों में दोहराती थी। पीड़िता द्वारा उसी अंदाज में दिए जाने वाले सवाल को विशेषज्ञ द्वारा कोर्ट के समक्ष रखा जाता था। पीड़िता जब इशारों के माध्यम से अपने साथ घटित घटना की जानकारी दे रही थी जब उनके आंखों में पीड़ा साफ दिखाई दे रही थी।
कोर्ट के साथ ही मौके पर मौजूद सभी लोगों ने भी इसे महसूस किया। घटना 13 मार्च 2017 की है। जब पीड़िता घर पर अकेली थी। आरोपी युवक घर में घुसा और पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
अदालत में मौजूदा आरोपी को देखकर इशारों में बताया, यही है वह
कोर्ट की कार्रवाई के दौरान कटघरे में आरोपी खड़ा हुआ था। कोर्ट के माध्यम से जब विशेषज्ञ ने पूछा कि इसे पहचानती हो,कौन है। तब उनके चेहरे पर घृणा के साथ गहरी पीड़ा भी उभर आई थी। इसी बीच उसने इशारों में बताया कि यही है वह आरोपी जिसने उसकी अस्मत लूट ली थी। विशेषज्ञ ने पूछा कि घटना कहां की है,तब उसने इशारों में बताया कि घर की है।
इशारों में तब वह नहा रही थी
विशेषज्ञ ने पूछा कि घटना से पहले वह क्या कर रही थी। दोनों हाथों को कंधे में पानी डालने का इशार कर बताया कि वह उस वक्त नहा रही थी। नहाने के बाद हुई घटना की जानकारी भी उसने इशारों में ही दिया।