बलरामपुर। आखिरकार 5 दिनों से लापता विक्रम पंडो की लाश मिल गई है, लेकिन जिस जगह से मिली और जिस हालात में मिली वह पूरी तरह से दूसरी कहानी कह रही है. पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने वाले दूसरे पंडो ने अज्ञात हमलावरों की मार से बचने के लिए जंगल में मृतक के भागने की बात कही थी.

बता दें कि देवलाल पंडो ने 18 अक्टूबर को वाड्रफनगर पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें विक्रम पंडो के साथ कोटराही में चाची के घर से 16 अक्टूबर को रात को लौटते समय चार बाइक सवार अज्ञात हमलावरों के मारपीट करने की बात कही थी. मारपीट से डरकर विक्रम के जंगल की ओर भागने और खुद जान बचाकर किसी तरह घर आने की बात कही थी. लेकिन देवलाल पंडो के बयान में विरोधाभाष इतने थे कि पुलिस पूछताछ में जल्द ही उसने सही कहानी बयां कर दी.

पुलिस के बताए अनुसार, देवलाल पंडो और मृतक विक्रम पंडो कोटराही गांव से बकरा चोरी कर 16 अक्टूबर की रात को जंगल के रास्ते आ रहे थे. इसी दौरान शिकार के लिए बिछाए गए विद्युत तार की चपेट में आने से विक्रम पंडो और चोरी के बकरे की मौके पर मौत हो गई. वहीं तार की चपेट में आने से घायल देवलाल किसी तरह से घर पहुंचने में कामयाब रहा.

दो दिनों तक विक्रम के घर नहीं पहुंचने पर उसके परिजन पूछताछ करने जब विक्रम के पास पहुंचे तो उसने गुमराह करने के लिए अज्ञात हमलावरों के मारपीट करने की कहानी गढ़ डाली और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते समय इसी कहानी को दोहरा दिया. लेकिन कहानी का सिर-पैर नहीं होने की वजह से ज्यादा देर टिक नहीं पाई और हकीकत सामने आ गई. पुलिस अब जंगल से विक्रम का शव बरामद करने के बाद घटना की तह तक पहुंचने के लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

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