बिलासपुर. बेटी के साथ रेप के आरोपी को एक मां ने संघर्ष कर जेल भेजवाया. बदले में पुलिस ने उसे दस साल के एक बच्चे के साथ यौन अपराध का आरोप लगाकर जेल भेज दिया. जिस दस साल के बच्चे के साथ यह घटना बताई जा रहा है, वह रेप के आरोप में बंद आरोपी का करीबी रिश्तेदार है. घटना बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र की है, जहां रेप पीड़िता की मां के खिलाफ आनन-फानन में अपराध दर्ज करने और उसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में है. रेप पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
वहीं, अब इस मामले में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एसपी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई है. इसे लव जेहाद से जोड़ा जा रहा है. इस घटनाक्रम की शुरुआत करीब ढाई महीने पहले हुई थी, जब आफताब मोहम्मद (19 वर्ष) नाम के एक युवक ने पहले पीड़ित युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाया. उस समय वह स्कूल में पढ़ती थी. आफताब ने उससे दोस्ती की, फिर प्यार का इजहार किया. इससे वह झांसे में आ गई. इसके बाद वह दुष्कर्म करने लगा. चार मार्च को वह खूंटाघाट घुमाने लेकर गया था. वहां दुष्कर्म करने के बाद मारपीट की और उसे छोड़कर भाग गया.
देर रात पुलिस पेट्रोलिंग टीम को पीड़ित युवती रोती-बिलखती मिली थी. पेट्रोलिंग टीम ने जब पूछताछ की, तब घटनाक्रम का खुलासा हुआ. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आफताब को जेल भेज दिया गया. इसके बाद पीड़ित युवती और उसकी मां पर तरह-तरह के दबाव आने शुरू हुए. पैसे लेकर मामले से समझौता करने के लिए कहा गया. इसके बाद भी जब पीड़ित युवती और उसकी मां नहीं मानी, तब उसकी मां पर एफआईआर कर जेल भेज दिया गया.
रेप पीड़िता की विधवा मां को नाबालिग से यौन अपराध में जेल भेजने के बाद अब पुलिस की भूमिका ही कठघरे में है. ऐसा इसलिए क्योंकि चकरभाठा थाना क्षेत्र में एक बच्ची के पिता पर लगे यौन अपराध की शिकायत पर पुलिस ने पहले काउंसिलिंग कराई. उसके बाद जब राजनीतिक दबाव बना, तब जाकर एफआईआर लिखी गई और कार्रवाई की गई. ऐसे कुछ और मामले सामने आए हैं. वहीं, रतनपुर के मामले में थानेदार ने अपने स्तर पर ही काउंसिलिंग की और तुरंत एफआईआर दर्ज कर लिया. जिस बच्चे के साथ यह घटना घटित होने की बात कही जा रही है, वह आफताब का ही रिश्तेदार है, इसलिए पुलिस पर संदेह गहरा जाता है. आफताब का चाचा हकीम मोहम्मद पार्षद है और भाजपा का नेता है.